मुख्यमंत्री के समक्ष सपा में शामिल हुआ था 'पप्पू'
हाल में हुए सांप्रदायिक दंगे का मास्टरमाइंड मोहर्रम अली उर्फ पप्पू के सोशल मीडिया पर आए एक फोटो से मचा सियासी तूफान थम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ के इस फोटो पर मंत्री और सपा के कई नेता सफाई दे चुके हैं। सपा कार्यालय में पूर्व मंत्री संजय गर्ग द्वारा अपने साथ पार्टी में शामिल होने वाले ि
सहारनपुर, [संजीव जैन]। हाल में हुए सांप्रदायिक दंगे का मास्टरमाइंड मोहर्रम अली उर्फ पप्पू के सोशल मीडिया पर आए एक फोटो से मचा सियासी तूफान थम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ के इस फोटो पर मंत्री और सपा के कई नेता सफाई दे चुके हैं। सपा कार्यालय में पूर्व मंत्री संजय गर्ग द्वारा अपने साथ पार्टी में शामिल होने वाले जिन 79 समर्थकों की सूची दी गई है, उसमें पांचवें नंबर पर मोहर्रम अली पप्पू का नाम है। पप्पू एक अप्रैल को लखनऊ में मुख्यमंत्री के 5, कालीदास मार्ग स्थित आवास पर मुख्यमंत्री, मंत्री राजेंद्र चौधरी, राजेंद्र राणा, सरफराज और स्थानीय सिख नेता गुरप्रीत सिंह बग्गा की मौजूदगी में संजय गर्ग के साथ सपा में शामिल हुआ।
सहारनपुर दंगे के दौरान यह फोटो इसलिए सार्वजनिक हुआ, क्योंकि पुलिस पप्पू को सांप्रदायिक दंगे का मास्टरमाइंड मानकर उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर चुकी है। उस पर शहर के विभिन्न थानों में अब तक 97 मामले दर्ज हो चुके हैं।
एडीजी देवेंद्र कुमार चौहान कह चुके हैं कि दंगे सुनियोजित हैं और सियासी सरपरस्ती देने वालों की तलाश है। दंगे के आरोपों में हुई गिरफ्तारी के दौरान उसने खुद को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे इमरान मसूद के साथ बता कर सियासी गलियारे में हलचल पैदा कर दी थी। पप्पू के इस बयान के बाद गैर कांग्रेस नेताओं ने इमरान मसूद पर आरोपों की बौछार कर दी। उसके बाद यह फोटो सार्वजनिक हुआ, इसके बाद भी गैर कांग्रेस दलों के निशाने पर इमरान मसूद ही रहे।
मुख्यमंत्री कार्यालय, मंत्री राजेंद्र राणा व सरफराज, संजय गर्ग आदि ने इस फोटो को लेकर सफाई दी कि पप्पू से सपा का कोई वास्ता नहीं है। पप्पू किसी कार्य से मुख्यमंत्री आवास पर गया था, जनता दर्शन के दौरान उसने फोटो खिंचवा लिया। सपा में शामिल होने वालों की सूची में पप्पू का नाम शामिल होने से पार्टी अब बैकफुट पर आ गई है।
पप्पू को सर्वाधिक संरक्षण अब उसे घेर रही भाजपा ने ही दिया। वर्ष 1996 में वह पार्षद बना तो भाजपा की पालिकाध्यक्ष राजदुलारी ने पप्पू को कर समिति का चेयरमैन बनाया। यही नहीं जिस जमीन को लेकर बवाल हुआ, उसी जमीन को पप्पू के कहने पर राजदुलारी ने नगर निगम रिकॉर्ड में मस्जिद की संपत्ति दर्ज कराया। मंत्री राजेंद्र राणा व सरफराज का कहना है कि इस बाबत जो कुछ भी पूछना है संजय गर्ग ही बता सकते हैं। जबकि इमरान मसूद का कहना है कि पप्पू सत्ता के साथ चलता था। पप्पू दंगे का मुख्य आरोपी है पर सपा के मंत्री व नेता अभी भी उसे बचा रहे हैं। भाजपा सांसद राघव लखन पाल का कहना है कि पप्पू सपा व कांग्रेस नेताओं का फाइनेंसर रहा है। इन्हीं नेताओं के इशारे पर दंगा हुआ है।
सहारनपुर में अब सिर्फ रात का कर्फ्यू
सहारनपुर। दंगे के 11वें दिन प्रशासन ने शहर से दिन का कर्फ्यू पूरी तरह से हटा लिया है। बाजारों में चहल-पहल के साथ दंगे में जलाई गई दुकानों को भी संवारने का काम तेजी से हो रहा है। मंगलवार को कर्फ्यू में 16 घंटे की ढील के दौरान पूरी तरह शांति रही। बुधवार से दिन का कर्फ्यू पूरी तरह से हटा लिया जाएगा, अब सिर्फ रात का कर्फ्यू रहेगा।