चंपारण सत्याग्रह से निकला 'पंचामृत'
मोदी ने कहा कि स्वच्छता के लिए कार्य करना ही महात्मा गांधी को सच्ची कार्याजलि होगी। गरीबों के कल्याण के लिए गंदगी मुक्त करना ही उपाय है।
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह से 'पंचामृत' की धार निकली, जिससे देश के जन-जन को अपनी ताकत का एहसास हुआ। चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय अभिलेखागार के आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। सात दशक बाद भी गांधी के गंदगी मुक्त भारत का सपना पूरा न होने पर उन्होंने चिंता जताते हुए सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह के लिए लोगों का आव्हान किया।
चंपारण सत्याग्रह के पंचामृत के बारे में मोदी ने कहा कि गांधी ने लोगों को सत्याग्रह की ताकत और जनशक्ति से परिचित कराया। स्वच्छता व शिक्षा के प्रति लोगों को जागृत किया। महिला सशक्तिकरण के साथ लोगों को खुद के हाथों से तैयार वस्त्रों को पहनना सिखाया। प्रधानमंत्री ने मोहनदास करमचंद गांधी की तुलना बाल मोहन कृष्ण से की। एक सुदर्शन चक्रधारी तो दूसरा चरखाधारी था। कृष्ण ने मुंह खोलकर मां यशोदा को ब्रह्मांड दिखाकर उन्हें चिंता मुक्त कर दिया तो महात्मा गांधी ने गुलामी से मुक्ति का रास्ता दिखा दिया।
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इससे पूर्व राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक राघवेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री को अंग वस्त्रम पहनाकर उनका स्वागत किया। जबकि संस्कृति व पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा गांधी ने सत्याग्रह और स्वच्छाग्रह एक साथ शुरु किया था, जिसमें सत्याग्रह से आजादी तो मिल गई, लेकिन स्वच्छ भारत का उनका सपना पूरा नहीं हो सका। एक सौ साल बाद भी अधूरा है। अब हमे मिलकर उसे पूरा करना है। हालांकि स्वच्छ भारत मिशन के जरिये बापू के सपने को पूरा करने को लोगों ने आंदोलन बना दिया है। तभी तो ढाई साल की अवधि में ही ग्रामीण भारत में जहां सिर्फ 42 फीसद लोग ही शौचालयों का उपयोग करते थे, वह बढ़कर अब 63 फीसद हो गया है।
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130 जिलों और 1.80 लाख गांवों ने खुद को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर लिया है। राज्यों के बीच ओडीएफ होने की होड़ लगी है। सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और केरल ओडीएफ हो चुके हैं, जबकि गुजरात, हरियाणा और उत्तराखंड जल्दी ही ओडीएफ होने की ओर हैं। गंगा किनारे के 75 फीसद गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने में सफलता मिल चुकी है। स्कूली पाठ्यक्रमों में स्वच्छता को शामिल किया जा रहा है।
मोदी ने कहा कि स्वच्छता के लिए कार्य करना ही महात्मा गांधी को सच्ची कार्याजलि होगी। गरीबों के कल्याण के लिए गंदगी मुक्त करना ही उपाय है। राष्ट्रीय अभिलेखागार में चंपारण सत्याग्रह पर लगाई गई एक प्रदर्शनी को भी प्रधानमंत्री ने देखा। इस मौके पर मालिनी अवस्थी ने एक प्रभावी संगीतमय कार्यक्रम पेश किया, जिसे खूब सराहा गया।