Coronavirus: भारत में इलाज के लिए आए पाकिस्तानियों को स्वदेश जाने की मिली अनुमति
अभी दोनों देशों के बीच जो नियम है उसके मुताबिक एक दूसरे देश के नागरिकों को जिस रास्ते से आये हैं उसी रास्ते से वापस लौटने का प्रावधान है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोनावायरस की वजह से जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बंद की गई हैं उसे देखते हुए भारत में इलाज के लिए आए पाकिस्तानियों के समक्ष बहुत ही बड़ी समस्याएं पैदा हो गई है। अब भारत ने मानवता के आधार पर इन पाकिस्तानियों को स्वदेश जाने की इजाजत दे दी है। रविवार को इन पाकिस्तानियों के लिए अटारी बार्डर भी खोल दिया गया ताकि वे आसानी से अपने देश जा सके। पहले जत्थे में पांच पाकिस्तानी नागरिक रविवार सुबह अपने देश लौट भी गये।
जो पाकिस्तानी मेडिकल वीजा पर आए हैं उन्हें स्वदेश जाने की मिली विशेष अनुमति
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इलाज के लिए जो भी पाकिस्तानी भारत मेडिकल वीजा पर आए हैं उन्हें स्वदेश जाने की विशेष अनुमति दी जा रही है। इसके पहले पिछले हफ्ते पाकिस्तान क्रिकेट लीग में बतौर टेक्नीशियन हिस्सा लेने गए करीब तीन दर्जन अपने नागरिकों को स्वदेश लौटने के लिए भारत ने उन्हें विशेष अनुमति दी थी।
कोरोनावायरस की वजह से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद
अभी दोनों देशों के बीच जो नियम है उसके मुताबिक एक दूसरे देश के नागरिकों को जिस रास्ते से आये हैं उसी रास्ते से वापस लौटने का प्रावधान है। उक्त टेक्नीशियन भारत से दुबई व वहां से पाकिस्तान गये थे। लेकिन कोरोनावायरस की वजह से जब अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद कर दी गई तो वे पंजाब स्थित वाघा बार्डर पहुंच गये। पहले तो वहां के अधिकारियों ने रोक दिया, लेकिन बाद में विदेश मंत्रालय ने उन्हें विशेष अनुमति दे दी।
दर्जनों पाकिस्तानियों का इलाज देश के कई अस्पतालों में चल रहा है
अधिकारियों ने बताया कि देश के विभिन्न अस्पतालों में दर्जनों पाकिस्तानियों का इलाज चलने की संभावना है। अगर आगे भी ये स्वदेश जाने के लिए सामने आते हैं तो उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी। सनद रहे कि कोरोनावायरस से पहले दोनो देशों के रिश्तों में बढ़ती तल्खी की वजह से एक दूसरे देशों में आने जाने का सिलसिला काफी कम हो गया है। भारत ने जब से कश्मीर से धारा 370 समाप्ति की घोषणा की है तब से पाकिस्तान ने बस व ट्रेन सेवाओं पर भी रोक लगा दी है। भारत में मेडिकल वीजा के लिए आने वाले पाकिस्तान की संख्या भी सैकड़ों से घट कर दर्जनों में रह गई हैं।