Move to Jagran APP

पाक के नापाक मंसूबे, इस तरह घुसपैठियों को भारतीय सीमा में प्रवेश कराती है पाकिस्तानी सेना

इन सीढ़ियों का इस्तेमाल महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान या सुरक्षा शिविर में आत्मघाती हमले के लिए घुसने के लिए भी किया जाना था।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 09:31 AM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 09:44 AM (IST)
पाक के नापाक मंसूबे, इस तरह घुसपैठियों को भारतीय सीमा में प्रवेश कराती है पाकिस्तानी सेना
पाक के नापाक मंसूबे, इस तरह घुसपैठियों को भारतीय सीमा में प्रवेश कराती है पाकिस्तानी सेना

श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। आतंकियों की घुसपैठ को यकीनी बनाने और सैन्य शिविरों पर आत्मघाती हमले करने के लिए पाकिस्तानी सेना उन्हें पोर्टेबल सीढ़ियां भी उपलब्ध करा रही है। इसका पर्दाफाश केरन सेक्टर में गत दिवस घुसपैठ का प्रयास करने में नाकाम रहे आतंकियों द्वारा छोड़े गए सामान की बरामदगी से हुआ है।

loksabha election banner

अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठियों के जो सामान मिले हैं, उनमें एसाल्ट राइफल की चार मैगजीन व 34 कारतूस, एक जीपीएस, दो दूरबीन, एक रेडियो बूस्टर एंटीना, 10 जोड़ी जुराब, 10 इनर, पाकिस्तान निर्मित दवा, बिस्कुट-चॉकलेट के पैकेट, आठ रोटियां, चार पैकेट फ्रोजन चिकन, एल्युमीनियम की दो सीढ़ियां और पांच छड़ियां हैं। कुछ नक्शे और दस्तावेज भी मिले हैं।

उन्होंने बताया कि बरामद सामान में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात एल्युमीनियम की सीढ़ियां हैं। ये जितनी हल्की हैं, उतनी ही मजबूत। इसके अलावा यह सीधी भी खड़ी की जा सकती है और अर्धगोलाकार भी। इन सीढ़ियों का इस्तेमाल एलओसी पर कई जगह लगी बाड़ को पार करने के अलावा महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान या सुरक्षा शिविर में आत्मघाती हमले के लिए घुसने के लिए भी किया जाना था।

उन्होंने बताया कि अक्सर किसी शिविर की तार काटने या दीवार को फांदने के समय आतंकी संबंधित शिविर के संतरी की नजर में आ जाते हैं। लेकिन यह सीढ़ी उन्हें इससे बचाने में समर्थ है। पहले भी दो बार उत्तरी कश्मीरी मे घुसपैठियों से सीढ़ियों की बरामदगी हुई थी, लेकिन वह काफी हल्की और छोटी थी। गुरुवार को उत्तरी कश्मीर में जिला कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में पांच आतंकियों ने घुसपैठ का प्रयास किया था। एक घंटे की मुठभेड़ के बाद आतंकी भाग निकले और उसके बाद वहां तलाशी लेते हुए जवानों ने आतंकियों के हथियार व अन्य सामान को बरामद किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.