डब्लूएचओ बैठक के लिए भी भारत नहीं आएगा पाकिस्तान
इस सम्मेलन के सचिवालय की टीम लीडर (शासन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग) ग्वांगयुआन लिउ मानती हैं कि पाकिस्तान इस सम्मेलन में भाग नहीं ले रहा।
मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते इतने खराब हो चले हैं कि अब भारत में हो रही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की बैठक में भी पाकिस्तान ने भाग लेने से इंकार कर दिया है। सोमवार से यहां शुरू हो रही इस बैठक में लगभग 180 देश हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले किसी देश ने इस तरह इस सम्मेलन का बहिष्कार नहीं किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा ने गुरुवार को बताया, 'फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (एफसीटीसी) के सदस्य देशों के सातवें सम्मेलन (सीओपी-7) की मेजबानी भारत कर रहा है। सोमवार को राजधानी दिल्ली के करीब ग्रेटर नोएडा के एक आधुनिक सम्मेलन केंद्र में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल श्रीसेन मुख्य अतिथि होंगे। जबकि मेजबान देश भारत की ओर से स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा इसमें भाग लेंगे।' इस सम्मेलन के सचिवालय की टीम लीडर (शासन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग) ग्वांगयुआन लिउ मानती हैं कि पाकिस्तान इस सम्मेलन में भाग नहीं ले रहा।
भाग नहीं लेने का कारण पूछने पर लिउ कहती हैं कि इस कार्यक्रम के लिए सभी सदस्य देशों को एफसीटीसी सचिवालय की ओर से न्यौता दिया जाता है। लेकिन अगर कोई देश इसमें भाग लेने से इंकार कर दे तो उससे कारण नहीं पूछा जाता। यह पूरी तरह उन पर निर्भर करता है कि वह सम्मेलन में भाग लेते हैं या नहीं। सदस्य देशों के प्रतिनिधि मंडल में सरकार के स्वास्थ्य सहित विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों के अलावा गैर सरकारी संगठनों और विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से संबंध लगातार खराब होते जा रहे हैं। बुधवार को भी दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायोगों से अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। साथ ही दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा पर लगातार तनाव भी बढ़ रहा है। सितंबर में ऊरी में सुरक्षा बलों पर हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमले के बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंध लगातार खराब होते चले गए हैं।
उधर, वर्ष 2003 में हुई एफसीटीसी संधि की बैठक भारत में पहली बार आयोजित हो रही है और संभवत: यह पहला मौका है जब किसी सदस्य देश ने इस तरह इसका बहिष्कार किया है। तंबाकू के दुनिया भर में बढ़ते खतरे को देखते हुए डब्लूएचओ के सदस्य देशों ने यह संधि की थी। इसकी सीओपी बैठक के दौरान होने वाले फैसलों को सभी सदस्य देशों को पालन करना होता है। सोमवार को शुरू हो रही यह बैठक शनिवार तक चलेगी।
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