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कश्मीर घाटी को दहलाने की साजिश, पख्तून और अफगान आतंकियों को इस तरह भेज रहा है पाक

पाकिस्तान तीस साल बाद फिर पख्तून और अफगान आतंकियों को घाटी में भेज रहा है। पीओके लांच पैड पर घुसपैठ की फिराक में बड़ी संख्या में आतंकी मौजूद हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 08:22 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 10:27 PM (IST)
कश्मीर घाटी को दहलाने की साजिश, पख्तून और अफगान आतंकियों को इस तरह भेज रहा है पाक
कश्मीर घाटी को दहलाने की साजिश, पख्तून और अफगान आतंकियों को इस तरह भेज रहा है पाक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान तीन दशक बाद एक बार फिर तालिबान से जुड़े पख्तून और अफगानी आतंकियों को कश्मीर में झोंकने की कोशिश में जुटा है। सुरक्षा एजेंसियों को मिल रही खुफिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बड़ी संख्या में आतंकियों को घाटी में घुसपैठ के लिए एकत्रित किया गया है, इनमें कई पख्तून और अफगान आतंकी भी शामिल हैं। यही नहीं, कुछ पाकिस्तानी आतंकियों को अफगानी पासपोर्ट देकर भी भारत भेजा जा रहा है। एजेंसियों को अफगानी पासपोर्ट पर ऐसे चार पाकिस्तानी आतंकियों के भारत पहुंचने की सूचना है।

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1990 में अफगान और पख्तून आतंकियों का सहारा लेता था पाक
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 1990 में आतंकवाद के शुरूआती समय में पाकिस्तान अफगान और पख्तून आतंकियों के कश्मीर भेजता रहा था। लेकिन धीरे-धीरे उसने उन्हें भेजना बंद कर दिया और घाटी के स्थानीय आतंकियों की भर्ती के साथ-साथ पाकिस्तान के पंजाब और पीओके के युवाओं के ट्रेनिंग देकर घाटी में भेजने लगा। पिछले 30 साल में पहली बार पाकिस्तान को पख्तून और अफगान आतंकियों का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान की हताशा को दिखा रहा है कि घाटी में अशांति फैलाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है।

पाकिस्तान की हर चाल को नाकाम करने के लिए सेना तैयार
वहीं भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि वह पाकिस्तान की हर चाल को नाकाम करने के लिए तैयार हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 1990 और 2019 के बीच जमीन-आसमान का अंतर है। 1990 में घाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त थी। सीमा पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने के कारण आतंकियों के आने-जाने पर कोई लगाम नहीं था। हालात यह थी कि अकेले घाटी में 5000 हजार से अधिक आतंकी सक्रिय थे। वहीं पिछले दिन दशक में सीमा पर घुसपैठ को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता मिली है।

बर्फबारी से पहले घुसपैठ कराने की फिराक में पाक
हालात यह है कि मौजूदा समय में पाकिस्तान को घाटी में सक्रिय आतंकियों की संख्या को 200 से 300 के बीच बनाए रखने में पसीना बहाना पड़ रहा है, जो कि आतंकवाद को जिन्दा रखने के लिए न्यूनतम संख्या मानी जाती है। पाकिस्तान की कोशिश नवंबर में बर्फबारी होने के पहले अधिक-से-अधिक आतंकियों को घुसपैठ कराने की है, क्योंकि बर्फ गिरने के बाद घुसपैठ करना आसान नहीं होगा। वहीं भारतीय सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह अक्टूबर तक घुसपैठ को नहीं होने देने की है।

इसलिए अफगान और पख्तून आतंकियों को भारत भेजना चाहता है पाक
अफगान पासपोर्ट पर भारत में आने वाले पाकिस्तानी आतंकियों के बारे में पूछ जाने पर वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खुफिया जानकारी मिलने के बाद उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है। दरअसल अफगानिस्तान के साथ भारत के अच्छे रिश्ते के कारण अफगानियों को आसानी से भारतीय वीजा मिल जाता है। लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान की मौजूदगी के कारण सुरक्षा एजेंसियां उनपर कड़ी नजर भी रखती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यह नई चाल सफल नहीं हो पाएगी और जल्द ही भारत आ चुके आतंकियों को ढूंढ निकाला जाएगा।

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