सुरंग मामले में अपने जाल में फंसा पाक, कर रहा संयुक्त जांच से बचने की कोशिश
बड़े पैमाने पर आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए जम्मू के आरएसपुरा सेक्टर तक सुरंग खोदने वाला पाकिस्तान अपने ही जाल में बुरा फंस गया है। सुरंग बनाने में अपना हाथ होने से साफ इन्कार करने वाला पाकिस्तान अब मामले की संयुक्त जांच से बचने की कोशिश में है।
जम्मू। बड़े पैमाने पर आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए जम्मू के आरएसपुरा सेक्टर तक सुरंग खोदने वाला पाकिस्तान अपने ही जाल में बुरा फंस गया है। सुरंग बनाने में अपना हाथ होने से साफ इन्कार करने वाला पाकिस्तान अब मामले की संयुक्त जांच से बचने की कोशिश में है।
सोमवार को हाटलाइन पर भारत की ओर से संयुक्त जांच की औपचारिकताएं तय करने के लिए सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग करने की पेशकश को पाकिस्तानी रेंजर्स ने यह कहकर टाल दिया कि सेक्टर कमांडर ब्रिगेडियर वसीम इस समय आउट ऑफ स्टेशन हैं। अब भारत की ओर से मंगलवार को फ्लैग मीटिंग करने के मुद्दे पर फिर से प्रयास किए जाएंगे।
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सेक्टर कमांडर वसीम खुद भी भारतीय क्षेत्र में सुरंग देख गए हैं, लेकिन औपचारिक रूप से बातचीत फ्लैग मीटिंग में ही होनी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, सारे सुबूत साबित कर रहे हैं कि सुरंग को खोदने में पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से संरक्षण दिया गया है। सुरंग से जो मिट्टी निकाली गई है उसका ढेर पाकिस्तान की फजल पोस्ट के ठीक सामने लगा हुआ है। पाकिस्तानी इलाके की निगरानी कर रहे सीमा सुरक्षा बल ने इसकी पुष्टि की है और इसके सुबूत भी जुटाए गए हैं। ऐसे में संयुक्त जांच से पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पोल खुल जाएगी।
सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुरंग का पर्दाफाश होने के बाद पाकिस्तान पर इस समय बहुत दवाब है और अपना पक्ष रखने के लिए उसकी ओर से कोई न कोई कार्रवाई जरूर होगी। ऐसे में उम्मीद है कि मंगलवार को इस दिशा में कोई विकास हो सकता है। अलबत्ता उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तानी रेजंर्स सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग से बचने के लिए कोशिशें करता तो उचित स्तर पर इसके खिलाफ विरोध दर्ज करवाने के विकल्प खुले हुए हैं।
गौरतलब है कि सीमा सुरक्षाबल ने तीन मार्च को आरएसपुरा की अल्लाह माई दे कोठे पोस्ट के पास से खोदी गई सुरंग का पर्दाफाश कर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम बना दिया था। अब यह साबित करने की कोशिश हो रही है यह सुरंग पाकिस्तानी रेंजर्स की रजामंदी से बनाई जा रही थी।
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