लगातार बातचीत चाहता है पाकिस्तान
आतंकवाद को साझा चुनौती बताते हुए पाकिस्तान ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर समेत अन्य विवादित मुद्दों के समाधान के लिए भारत-पाक को और गहराई में जाकर काम करने का सुझाव दिया है। पाकिस्तान के नव नियुक्त उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि दोनों मुल्कों के रिश्ते नकारात्मकता से भरे हैं। आपसी संबंध सुधारने के लिए आर्थिक
नई दिल्ली। आतंकवाद को साझा चुनौती बताते हुए पाकिस्तान ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर समेत अन्य विवादित मुद्दों के समाधान के लिए भारत-पाक को और गहराई में जाकर काम करने का सुझाव दिया है। पाकिस्तान के नव नियुक्त उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि दोनों मुल्कों के रिश्ते नकारात्मकता से भरे हैं। आपसी संबंध सुधारने के लिए आर्थिक अवसरों को भुनाना चाहिए।
पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि आतंकवाद ने पिछले 10 साल में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को तबाह करने के अलावा देश में 50 हजार से ज्यादा लोगों की जान ली है। उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए साझा प्रयासों की जरूरत है। बासित ने कहा कि पाकिस्तान को अहसास है कि सुरक्षा व विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसे पड़ोसियों खासकर भारत और अफगानिस्तान के साथ अपनी सभी समस्याओं का हल ढूंढना होगा।
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पाकिस्तान की विदेश नीति पर चर्चा में शामिल बासित ने कहा कि भारत-पाक के रिश्ते काफी ज्यादा नकारात्मकता से घिरे हैं और समस्याओं के समाधान के लिए शांतिपूर्ण माहौल तैयार करने की जिम्मेदारी दोनों देशों के नेतृत्व पर है। दोनों के विकास के लिए अमन को बेहद जरूरी बताते हुए बासित ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के लोगों की राय से बातचीत के जरिए या शिमला समझौते के प्रावधानों के अनुसार इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए। बासित ने दोनों देशों के बीच व्यापक वार्ता प्रक्रिया को लगातार जारी रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत में पाकिस्तान के प्रति काफी गलत धारणा है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान सरकार की प्राथमिकताएं बिल्कुल साफ हैं। सुरक्षा और विकास का हमारा सपना तब तक पूरा नहीं हो सकता, जब तक हम क्षेत्र में पूर्ण शांति न स्थापित कर लें। उन्होंने भारत में चुनाव बाद नई सरकार आने के पश्चात वार्ता प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद जताई।