हाफिज ने उगला जहर, 'अल्लाह ने कश्मीर को आजाद कराने के लिए रिहा करवाया'
हाफिज सईद ने जिस तरह से रिहा होने के कुछ ही घंटे बाद कश्मीर की आजादी का राग अलापा और भारत के खिलाफ आग उगली है उससे भारतीय कूटनीति से जुड़े लोगों की यह आशंका और गहरी हो रही है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। क्या पाकिस्तान के हुक्मरानों ने खौफनाक मुंबई हमले की नौंवी बरसी से ठीक पहले इसके प्रमुख साजिशकर्ता आतंकी हाफिज सईद को रिहा कर भारत को कोई संदेश देने की कोशिश की है? हाफिज सईद ने जिस तरह से रिहा होने के कुछ ही घंटे बाद कश्मीर की आजादी का राग अलापा और भारत के खिलाफ आग उगली है उससे भारतीय कूटनीति से जुड़े लोगों की यह आशंका और गहरी हो रही है। भारतीय कूटनीतिज्ञ फिलहाल सईद की रिहाई से बहुत अचंभित नहीं है और इसे आतंक पर पाकिस्तान की दोहरी नीति का ताजा उदाहरण बता रहे हैं। भारत पहले से ही पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को लगातार अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर कर रहा है, अब हाफिज सईद की रिहाई से इसे और पुख्ता आधार मिलेगा।
हाफिज सईद की रिहाई से भारत को असर चिंता कश्मीर में आतंकी वारदातों को बढ़ने से है। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2010 से हाफिज सईद पूरी तरह से अपनी सारी गतिविधियों को कश्मीर केंद्रित रखे हुए है। भारतीय सैन्य एजेंसियों ने पिछले छह महीने में कश्मीर में आतंकी ढांचे की कमर तोड़ दी है। हाफिज का संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक पूरे गिरोह का सफाया पिछले हफ्ते ही किया गया है। इसे सिर्फ लश्कर की मदद करने वाले पाक सेना के लिए भी बड़ा धक्का माना जा रहा है।
ऐसे में हाफिज सईद कश्मीर में आतंक की जमीन तैयार करने की नए सिरे से कोशिश कर सकता है। सुरक्षा एजेंसियों के उक्त सूत्रों के मुताबिक पाक सेना ने वर्ष 2010 में जब कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को नए सिरे से बढ़ाने की साजिश रची थी तब उसमें हाफिज सईद और उसके संगठन लश्कर व जमात-उल-दावा ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी। जमात उल दावा के लोगों ने पाकिस्तान के कबिलाई इलाके से आतंकियों की फौज तैयार की और लश्कर की तरफ से उन्हें ट्रेनिंग दी।
कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक भारत की अभी कुछ ही हफ्तों में आतंकवाद पर दो अहम बैठक होने वाली है। एक तो भारत और अमेरिका की आतंकवाद पर विस्तृत बैठक है जिसे अगले कुछ हफ्तों के भीतर ही होना है। सनद रहे कि हाफिज सईद को अमेरिका ने पहले ही न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किये हुए है बल्कि उस पर एक करोड़ डॉलर की इनामी राशि की घोषणा भी कर रखी है। अमेरिका ही नहीं रूस, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे कई देश भी लश्कर को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।
दूसरी बैठक भारत, चीन और रूस के विदेश मंत्रियों की है जिसमें आतंकवाद बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा। भारत की पहले योजना इसमें मौलाना मसूद अजहर से जुड़े मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की तैयारी थी लेकिन अब निश्चित तौर पर हाफिज सईद का मामला भी इसमें रहेगा। इन तीनों देशों की सदस्यता वाले ब्रिक्स संगठन की पिछले दिनों जारी घोषणा पत्र में लश्कर का नाम बतौर आतंकी संगठन दर्ज था जिसे दुनिया के अमन चैन के लिए खतरा बताया गया था।
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