पाकिस्तान ने भारत को उकसाया, गिलानी-मीरवाइज को भेजा न्योता
ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी और उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक समेत आठ कश्मीरी अलगाववादियों को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में एक सेमिनार में शामिल होने का न्योता मिला है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी और उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक समेत आठ कश्मीरी अलगाववादियों को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में एक सेमिनार में शामिल होने का न्योता मिला है।
संबंधित सूत्रों ने बताया कि यह न्योता गुलाम कश्मीर स्थित मीरपुर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की तरफ से आया है। यूनिवर्सिटी कश्मीर मुद्दे पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार इस्लामाबाद के कन्वेंशन सेंटर में पहली जून से आयोजित कर रही है। सेमिनार का विषय 'कश्मीर विवाद-वैश्विक परिदृश्य मेंÓ है।
अलगाववादियों को भेजे गए निमंत्रण पत्र में लिखा गया है कि कश्मीर विवाद कोई भारत-पाकिस्तान की जमीन का मसला नहीं है। यह जम्मू-कश्मीर के अवाम के जज्बात और उनके बुनियादी हक का मसला है। वह बीते 60 वर्षों से अपने उस हक की मांग कर रहे हैं, जिसका वादा संयुक्त राष्ट्र की सिफारिशों में किया गया है। कश्मीरियों को दबाने के लिए हिंदुस्तान ताकत का बेतहाशा इस्तेमाल कर रहा है। कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है और हाल ही में हंदवाड़ा की घटना ने इसका सुबूत दिया है।
यह न्योता गिलानी के अलावा मुहम्मद अल्ताफ, अयाज अकबर, आगा सैयद हसन बडगामी, मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, शब्बीर शाह, यासीन मलिक और नईम खान को भी आया है।
गिलानी के प्रवक्ता अयाज अकबर ने कहा कि हम लोग इस सेमिनार में हिस्सा लेना चाहते हैं। लेकिन हिंदुस्नतान की सरकार ने हमारे पासपोर्ट जब्त कर रखे हैं। हमारे कहीं आने-जाने पर पाबंदी है। हिंदुस्तान नहीं चाहता कि कश्मीरियों की आवाज बाहर पहुंचे। अगर पासपोर्ट जारी किया जाता है तो हम जाएंगे।