पाक में पहली बार चुनी हुई सरकार ने पूरा किया कार्यकाल
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। पाकिस्तान में शनिवार को पहली बार कोई चुनी हुई सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। अपने 65 वर्ष के इतिहास में पाकिस्तान को लोकतंत्रका यह अनुभव इससे पहले कभी नहीं हुआ। पाकिस्तान ने आजाद होने की खुशफहमी भले ही भारत से एक दिन पहले 14 अगस्त, 1
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। पाकिस्तान में शनिवार को पहली बार कोई चुनी हुई सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। अपने 65 वर्ष के इतिहास में पाकिस्तान को लोकतंत्रका यह अनुभव इससे पहले कभी नहीं हुआ। पाकिस्तान ने आजाद होने की खुशफहमी भले ही भारत से एक दिन पहले 14 अगस्त, 1947 को पाल ली हो, लेकिन ब्रितानी रानी एलिजाबेथ द्वितीय का राज वहां 1956 तक रहा। आजादी के बाद मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मुहम्मद अली जिन्ना वहांके नए गवर्नर जनरल बने और लियाकत अली खान पहले प्रधानमंत्री, लेकिन फौज की साजिश के चलते 16 अक्टूबर, 1951 को लियाकत अली की हत्या हो गई। उनकी हत्या के बाद 1951 से 1958 तक के सात वर्षो में पाकिस्तान को सात प्रधानमंत्री और मिले। ये सभी गवर्नर जनरल द्वारा नियुक्त थे, न कि चुनकर आए हुए।
'पाकिस्तान : समाज एवं संस्कृति' नामक पुस्तक के लेखक फिरोज अशरफ के अनुसार पाकिस्तान में पहला लोकतांत्रिक चुनाव आजादी मिलने के करीब 23 साल बाद 1970 में हुआ। इस चुनाव के समय आज का बांग्लादेश भी तब पूर्वी पाकिस्तान के रूप में पाकिस्तान का ही हिस्सा था। इस चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजीबुर्रहमान की पार्टी अवामी लीग को 155 सीटें एवं पश्चिमी पाकिस्तान के नेता जुल्फिकार अली भुट्टो की पीपुल्स पार्टी को 81 सीटें मिलीं। भुट्टो मुजीबुर्रहमान को सत्ता सौंपने को तैयार नहीं थे। इसी झगड़े ने बांग्लादेश का निर्माण करवा दिया।
जुल्फिकार अली भुट्टो 14 अगस्त, 1973 से 5 जुलाई, 1977 तक प्रधानमंत्री रहे, लेकिन उनकी पार्टी को चुनाव में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था इसलिए उसे लोकतांत्रिक पद्धति से बनी हुई सरकार का दर्जा हासिल नहीं था। भुट्टो के बाद सैनिक शासन चला रहे जनरल जियाउल हक ने 1985 में मुहम्मद खान जुनेजो को प्रधानमंत्री घोषित कर दिया। जुनेजो केबाद बेनजीर भुट्टो एवं पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अध्यक्ष नवाज शरीफ दो-दो बार प्रधानमंत्री चुने गए, लेकिन उनकी सरकारें अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं। नवंबर, 2002 से मार्च, 2008 तक जनरल परवेज मुशर्रफ के हस्तक के रूप में जफरुल्ला खान जमाली, चौधरी शुजात हुसैन, शौकत अजीज एवं मुहम्मद मियां सुमरू ने प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारियां संभालीं। इनमें से कोई भी चुनकर नहीं आया था।
27 दिसंबर, 2007 को बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद उपजी सहानुभूति लहर से चुनकर आई पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार लोकतांत्रिक पद्धति से बनीऐसी पहली सरकार है, जिसे अपना कार्यकाल पूरा करने का मौका मिला। हालांकि उसने जाते-जाते संसद से भारत विरोधी प्रस्ताव पारित कराकर भारतीय जनता की सहानुभूति खो दी।
पाकिस्तान-इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसीके संयुक्त सचिव जतिन देसाई के अनुसार इस सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री की देखरेख में अगला चुनाव होगा। कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए सत्तापक्ष और इमरान खान की पार्टी को छोड़कर सभी विरोधी दलों की ओर से तीन-तीन नाम दिए जा चुके हैं। सहमति बनी तो इनमें से कोई नाम चुना जाएगा अथवा चुनाव आयोग अपनी तरफ से कोई कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनेगा।
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