कुख्यात खालिस्तानी आतंकी रतनदीप गिरफ्तार, हिंदू नेता थे निशाने पर
पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन भिंडरेवाला टाइगर फोर्स ऑफ खालिस्तान (बीटीएफके) के चीफ रतनदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। इसे 17 सितंबर को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पकड़ा गया है। इसके सिर पर 10 लाख का इनाम घोषित था। आईएसआई की मदद से चलने वाला यह संगठन देश में त्योहारों के दौरान बड़ी वारदात की साजिश रच रहा था।
अमृतसर/गोरखपुर। पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन भिंडरेवाला टाइगर फोर्स ऑफ खालिस्तान (बीटीएफके) के चीफ रतनदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। इसे 17 सितंबर को उत्तार प्रदेश के गोरखपुर से पकड़ा गया है। इसके सिर पर 10 लाख का इनाम घोषित था। आईएसआई की मदद से चलने वाला यह संगठन देश में त्योहारों के दौरान बड़ी वारदात की साजिश रच रहा था। इसके साथ ही देश, विशेषकर पंजाब के कई हिंदू नेता इस दफा इसके निशाने पर थे।
पंजाब पुलिस की विशेष टीम ने केंद्रीय एजेंसियों और उत्तार प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर यह गिरफ्तारी की है। आरोपी के पास से पाकिस्तानी पासपोर्ट और हुसैन शेख जाहिद के नाम का आई-कार्ड भी मिला है। साथ ही भारत और पाकिस्तान की करेंसी भी मिली है। गुरुवार को इसे अमृतसर की अदालत में पेश किया गया जहां से इसे 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। गिरफ्तारी में मुख्य भूमिका निभाने वाले आठ पुलिसकर्मियों को पदोन्नति देने की घोषणा की गई है।
रतनदीप पहले खालिस्तानी कमांडो फोर्स का खास था। इसके बाद इसने बब्बर खालसा इंटरनेशनल से हाथ मिला लिया। सूत्रों के अनुसार जुलाई, 2014 में आईएसआई की मदद से बीटीएफके का गठन किया गया जिसकी जिम्मेदारी इसे सौंपी गई थी। रतनदीप को काफी खूंखार आतंकी बताया जाता है। पिछले कुछ सालों से यह लगातार पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी के संपर्क में था।
आइएसआइ की शह पर आया था सूत्रों का कहना है कि आइएसआइ की शह पर ही रतनदीप यहां आया था। पिछले एक साल में पंजाब में खालिस्तान के नाम पर अशांति पहुंचाने की यह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की दूसरी कोशिश है। इससे पहले 2013 में खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स के जरिए आइएसआइ ने यह कोशिश की थी। लेकिन, उसके सभी माड्यूल गिरफ्तार कर लिए गए थे। इस समय केएलएफ का मुखिया हरमिंदर सिंह पाकिस्तान में ही है। इसके विफलता के बाद नया संगठन बनाकर देश में गड़बड़ी फैलाने की जिम्मेदारी रतनदीप को दी गई थी।
1993 से रतनदीप था पाकिस्तान में रतनदीप सिंह 1993 से ही पाकिस्तान में है। वहां पर वह आइएसआइ के साथ मिलकर भारत के खिलाफ साजिश कर रहा था। पहले वह केएलएफ का एक सरगना था। बाद में उसे नया संगठन दिया गया था। उस पर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कई संगीन मामले दर्ज हैं। इसमें से सभी बम विस्फोटों के मामले हैं। मई, 2010 में इसने आखिरी वारदात की कोशिश की थी। तब यह विस्फोटकों से भरी कार लेकर अमृतसर के सर्किट हाउस के पास देखा गया था। इसी घटना के बाद से यह पाकिस्तान भाग गया था।