भारत पर आतंक का आरोप लगाने में पाक सेना की ही फजीहत
भारत के खिलाफ जारी युद्ध में पाकिस्तान इस हद तक भी जा सकता है कि सबसे दुर्दात अपराधियों को भी गले लगा ले।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के खिलाफ पाकिस्तान की नापाक आग उसके हाथ भी जलाने लगी है और आवाज अंदर से ही उठने लगी है। खास तौर पर खूंखार आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान के जरिये भारत पर आतंकवाद का आरोप लगाने के मामले में पाकिस्तानी सेना की खासी फजीहत होने लगी है। बुद्धिजीवी वर्ग अब इसको उजागर करने से भी नहीं हिचक रहा।
पाकिस्तानी मूल के अंतरराष्ट्रीय स्तर के उपन्यासकार व पत्रकार मोहम्मद हनीफ ने न्यूयॉर्क टाइम्स मे एक आलेख में लिखा है, 'भारत के खिलाफ जारी युद्ध में पाकिस्तान इस हद तक भी जा सकता है कि सबसे दुर्दात अपराधियों को भी गले लगा ले। ..एहसानुल्ला एहसान के जरिये पाकिस्तान ने बताया है कि आप हजारों पाकिस्तानियों की हत्या कर सकते हैं, लेकिन अगर आप यह साबित कर दें कि आप भारत से नफरत करते हैं तो आपके सारे गुनाह माफ हैं।'
रणनीतिक मुद्दों पर पाकिस्तान की मशहूर विशेषज्ञ आएशा सिद्दिकी ने लिखा है कि पाकिस्तानी सेना टीपीपी के आतंकी एहसानुल्ला एहसान के आरोपों के जरिये यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि आतंकियों को पनाह देने वाला वह अकेला देश नहीं है। हालांकि, इस बात पर सिर्फ पाकिस्तान में ही कुछ लोग भरोसा कर सकेंगे, वैश्विक स्तर पर इस तर्क को कोई स्वीकार नहीं करेगा। टीपीपी ने ही पेशावर स्थित सैनिक स्कूल पर हमला करके तकरीबन 150 बच्चों की हत्या कर दी थी। इसलिए पाकिस्तानी सेना की टीपीपी के कंधे पर रखकर भारत पर बंदूक चलाने की चाल किसी के गले नहीं उतर रही।
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