Move to Jagran APP

'पद्मावत' को मिले हैं अच्‍छे रिव्‍यू, पर दर्शकों ने फिल्म को बताया 'खिल्जावत'

फिल्‍म विरोधियों का आरोप है कि पद्मावत में एतिहासिक तथ्‍यों के साथ छेड़छाड़ किया गया है। हालांकि इसे अच्छे रिव्यू मिले हैं। पर कुछ फिल्‍म देखने वालों का कहना है कि यह खिल्जावत है।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Thu, 25 Jan 2018 12:47 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jan 2018 02:44 PM (IST)
'पद्मावत' को मिले हैं अच्‍छे रिव्‍यू, पर दर्शकों ने फिल्म को बताया 'खिल्जावत'
'पद्मावत' को मिले हैं अच्‍छे रिव्‍यू, पर दर्शकों ने फिल्म को बताया 'खिल्जावत'

नई दिल्‍ली, जेएनएन। एक फिल्‍म की वजह से पूरे देश में बवाल मच गया है। 'पद्मावत' विरोधियों ने कई राज्‍यों की कानून-व्‍यवस्‍था को हिलाकर रख दिया है। कहीं वाहनों को आग लगाया जा रहा है तो कहीं सिनेमाहॉलों को निशाना बनाया जा रहा है। सड़कों पर चारों तरफ अराजकता का माहौल है, जहां देखो वहीं 'पद्मावत' को बैन करो की आवाज गूंज रही है। हालांकि विरोधियों की तमाम कोशिशों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेरते हुए पद्मावत की रिलीज को हरी झंडी देकर यह जता दिया कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। इसके परिणामस्‍वरूप आज देश भर में एक साथ पद्मावत रिलीज हो गई और फिल्म को अच्छे रिव्यू भी मिल रहे हैं।

loksabha election banner

हालांकि ऐसा नहीं है कि फिल्म देखने वाले हर शख्स को यह फिल्म अच्छी ही लग रही हो। फिल्म देखकर आए एक शख्स ने इस पर दैनिक जागरण से बात की। उन्होंने फिल्म की आलोचना की। उनका कहना है कि अगर आप इतिहास जानते हैं और रानी पद्मावती के लिए इस फिल्म को देखने जा रहे हैं तो आपको निराशा होगी। उन्होंने बताया कि फिल्म में रानी पद्मावती और राजा रतन सिंह का किरदार काफी छोटा है। वे आगे बताते हैं कि फिल्म के 80 फीसद हिस्से में अलाउद्दीन खिलजी को ही दर्शाया गया है। वे कहते हैं कि असल में यह फिल्म पद्मावत नहीं खिल्जावत है। उन्होंने तो यहां तक भी कहा कि संजय लीला भंसाली तो असल में खिलजी को भी सही से पर्दे पर नहीं उतार पाए हैं। वे कहते हैं कि खिलजी को फिल्म में नाचते हुए दिखाया गया है, जो बिल्कुल सही नहीं लगता।

करणी सेना समेत फिल्‍म विरोधी सभी हिंदू-राजपूत संगठनों का आरोप है कि पद्मावत में एतिहासिक तथ्‍यों के साथ छेड़छाड़ की गई है। सबसे ज्‍यादा आपत्ति उन्‍हें इस बात से है कि फिल्‍म में एक मुगल शासक को रानी पद्मावती के प्रेमी के रूप में पेश किया गया है। जबकि पद्मावत बनाने वाले फिल्‍मकार संजय लीला भंसाली ने इससे इंकार करते हुए कहा है कि उनकी फिल्‍म में कुछ भी विवादित नहीं है। यहां तक कि फिल्‍म देखने वाले भी यही कह रहे हैं कि पद्मावत में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसको लेकर देशभर में इतना बवाल मचाया जा रहा है।

कई जानेमाने फिल्‍म क्रिटिक्‍स और मीडिया संस्‍थानों ने फिल्‍म की जमकर सराहना की है। दैनिक जागरण ने भी पद्मावत देखने के बाद इसे 5 में से 4 रेटिंग दी है। कहा है कि संजय लीला भंसाली की पद्मावत को लेकर जितने विवाद अब तक हुए हैं, वो कितने बेमानी थे, ये फिल्म देखने के बाद स्पष्ट हो जाता है। फिल्म में राजपूतों की गरिमा और मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला एक भी दृष्य नहीं है। फिल्म के अंत में आप राजपूताना गरिमा, वीरता और आन-बान और शान को सलाम करते हुए बाहर निकलते हैं।

संजय लीला भंसाली हमेशा से ही लार्जर देन लाइफ सिनेमा बनाते रहे हैं, मगर पद्मावत उनके जीवन की सबसे बड़ी फिल्म है। भारतीय सिनेमा के इतिहास में इतनी भव्य फिल्म अभी तक शायद ही कोई दूसरी बनी हो। शायद पहली बार एेसी फिल्म देखने को मिलेगी। इतनी भव्यता में भी संजय लीला भंसाली हर एक दृश्य की छोटी-छोटी डिटेल पर बारीकी से काम करते नजर आते हैं।

परफॉर्मेंस लेवल पर बात करें तो दीपिका पादुकोण ने रानी पद्मिनी की हर एक चीज को इतनी बखूबी आत्मसात किया है कि आप एक बार को भूल जाते हैं कि ये दीपिका हैं। वो हर दृष्य में रानी पद्मिनी ही लगती हैं। वहीं महाराज रतन सिंह बने शाहिद कपूर ने इस किरदार के लिए जमकर मेहनत की, जो पर्दे पर साफ नजर आती है। मगर, इन सभी में उभर कर आता है खलनायक अलाउद्दीन खिलजी का किरदार। रणवीर सिंह को अभी तक नायक के किरदारों में देखा और पसंद किया है। पहली बार वो अपना खलनायकी वाला अंदाज़ हमारे सामने लेकर आए हैं और उन्होंने किस ढंग से खलनायक को गढ़ा है, वो वाकई काबिले-तारीफ है।

'पद्मावत' का रिव्‍यू पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.