एयर इंडिया की उड़ानें दूसरे दिन भी रहीं प्रभावित, 137 फ्लाइटें हुईं लेट, वसूल सकती है हर्जाना
सीटा का सर्वर फेल होने से शनिवार को एयर इंडिया की उड़ानों के बाधित होने का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा...
नई दिल्ली, जेएनएन। सर्वर ठप होने से नुकसान की भरपाई के लिए एयर इंडिया 'सीटा' से हर्जाना वसूल सकती है। एयर इंडिया के सीएमडी अश्वनी लोहानी ने इसके संकेत दिए हैं। एयर इंडिया भारत की अकेली एयरलाइन है जो अपनी बुकिंग एवं सूचना प्रणाली के लिए सीटा के विभिन्न कम्यूनिकेशन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशंस का इस्तेमाल करती है। सीटा का सर्वर फेल होने से शनिवार को एयर इंडिया की उड़ानों के बाधित होने का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा जिसमें दिल्ली, मुंबई समेत प्रमुख हवाई अड्डों से तकरीबन 137 उड़ानें विलंब से उड़ सकीं।
एयर इंडिया ने स्टार अलायंस का सदस्य बनने के लिए सबसे पहले 2007 में सीटा के साथ दस वर्षीय अनुबंध किया था। इसके तहत एयर इंडिया का पैसेंजर मैनेजमेंट सिस्टम एवं मोबाइल ऐप सीटा के वैश्विक तंत्र के साथ जुड़ गया था। इससे एयर इंडिया को वैश्विक स्तर पर पांव जमाने में मदद मिली। बाद में 2017 में अनुबंध का नवीकरण होने से एयर इंडिया को 'सीटा कनेक्ट' के साथ सीटा के शेयर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशन 'एयरपोर्टहब' के इस्तेमाल की सुविधा भी मिल गई।
'सीटा कनेक्ट' एयर इंडिया के दिल्ली, मुंबई के सेंट्रल हब को देश के अन्य छह बड़े हवाई अड्डों के साथ-साथ विश्व के 28 देशों से संबंधित 94 शहरों और हवाई अड्डों से जोड़ता है। लेकिन पिछले एक साल में सीटा सर्वर के दो बार दगा देने से एयर इंडिया को समझौते पर सोचने के लिए कर दिया है। इससे पहले 23 जून, 2018 को भी सीटा का सर्वर फेल हुआ था। हालांकि तब इसका असर सीमित था।
अमेरिकी कंपनी सीटा का सर्वर मुख्यालय अटलांटा में स्थित है। शनिवार को तड़के साढ़े तीन बजे के करीब इसे रखरखाव के मकसद से एक घंटे के लिए बंद किया गया था। लेकिन इसे पुन: चालू करने में सवा पांच घंटे लग गए। परिणामस्वरूप इससे जुड़ा एयर इंडिया का पूरा तंत्र गड़बड़ा गया है। इससे शनिवार को दुनिया भर में एयर इंडिया की उड़ानों पर असर पड़ा। अकेले भारत में ही लगभग 155 उड़ानें प्रभावित हुईं, जिनमें ज्यादातर घरेलू उड़ाने थीं।
समस्या की गंभीरता अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रविवार को भी इस पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका था। रविवार को भी लगभग 137 उड़ानें प्रभावित हुईं। जिनमें ज्यादातर दिल्ली और मुंबई से संबंधित थीं। इन्हें दो-तीन घंटे का विलंब से उड़ाया जा सका। एयर इंडिया अपनी सब्सिडियरियों- एयर इंडिया एक्सप्रेस और अलायंस एयर समेत रोजाना 600-700 उड़ानें संचालित करती है।
एयर इंडिया ब्रांड को भी क्षति
इस बीच सीटा प्रबंधन ने सर्वर फेल होने से एयर इंडिया और उसके यात्रियों को हुई तकलीफ के लिए गहरा खेद व्यक्त करते हुए इसके वास्तविक कारणों की जांच का भरोसा दिया है। लेकिन एयर इंडिया प्रबंधन इससे बहुत संतुष्ट नहीं है। उसे आर्थिक नुकसान से ज्यादा एयर इंडिया ब्रांड को पहुंची क्षति की चिंता है। एयर इंडिया को इस बात पर भी आश्चर्य है कि सर्वर की खराबी ने केवल उसी की उड़ानों को क्यों प्रभावित किया। अन्य एयरलाइने क्यों अप्रभावित रहीं।
पहली बार अनुबंध पर खर्च हुए थे साढ़े आठ सौ करोड़
विश्व की कई बड़ी एयरलाइने सीटा के सॉल्यूशंस का इस्तेमाल करती हैं। 'एयरपोर्टहब' हवाई अड्डों पर एयर इंडिया के सारे एप्लीकेशंस और आइटी प्रणालियों को परस्पर जोड़ने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर प्रदान का काम करता है। एयर इंडिया के दुनिया भर में फैले 500 से अधिक एजेंट भी इसी के माध्यम से कनेक्टेड हैं। सीटा के साथ एयर इंडिया का अनुबंध सैकड़ों करोड़ रुपये का है। पहली बार अनुबंध पर एयर इंडिया को लगभग साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे।
वित्तीय बोझ, स्टाफ पर दबाव
सर्वर फेल होने का असर एयर इंडिया के संपूर्ण नेटवर्क के साथ कर्मचारियों पर पड़ा है। बुकिंग व चेक-इन प्रणाली के जाम होने से स्टाफ के काम के घंटे बढ़ने के साथ यात्रियों के गुस्से व तनाव का सामना भी करना पड़ रहा है। विमानन सुरक्षा के नाते पायलटों और केबिन क्रू सदस्यों से निर्धारित ड्यूटी के बाद काम नहीं लिया जा सकता है। ऐसे में नई टीम बुलाने पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है। इसके अलावा रिफंड और वैकल्पिक उड़ानों के बंदोबस्त, होटल के इंतजाम आदि में भी ज्यादा समय, श्रम और संसाधन झोंकने पड़ रहे हैं। एयर इंडिया सीटा से इस सबका हर्जाना मांग सकती है।
एयर इंडिया के मंसूबों का झटका
सर्वर फेल होने से नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के एयर इंडिया के मंसूबों को झटका लगा है। जेट एयरवेज के ऑपरेशंस बंद होने के बाद अन्य एयरलाइनों की तरह एयर इंडिया को भी अपने डैने पसारने का मौका मिला है। जेट से खाली हुए आकाश को भरने के लिए सरकार ने अन्य एयरलाइनों से उड़ानें बढ़ाने को कहा है। इसके लिए उन्हें जेट के खाली स्लॉट तीन महीने के लिए दिए जा रहे हैं। जेट की लीज से मुक्त हुए विमानों को भी दूसरी एयरलाइनें ले रही हैं। एयर इंडिया ने भी नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए जेट के पांच बोइंग-777 विमान लेने का आवेदन किया हुआ है। लेकिन सीटा सर्वर ने एयर इंडिया की योजनाओं पर कुठाराघात कर दिया है। सूत्रों के अनुसार अब इन योजनाओं को अमली जामा पहनाने में वक्त लग सकता है।