वर्ष 2015-2016 में RTI के तहत दायर एप्लीकेशंस में हुआ 20 फीसद से अधिक इजाफा
वर्ष 2015-2016 के बीच भारत में आरटीआई के तहत दायर एप्लीकेशंस में आश्चर्यजनत तौर पर करीब 20 फीसद का इजाफा देखा गया हे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। वर्ष 2015-2016 के बीच भारत में आरटीआई के तहत दायर एप्लीकेशंस में आश्चर्यजनत तौर पर करीब 20 फीसद का इजाफा देखा गया हे। इस दौरान करीब 9.76 लाख एप्लीकेंशस आई। इनसे से करीब दस में से चार एप्लीकेंशस को तय दायरे में न होने के कारण खारिज कर दिया गया। इसकी वजह इनमें मांगी जाने वाली जानकारी का गोपनीय होना या फिर उस विषय पर संसद में बहस का विषय होना बताया गया।
सेंट्रल इंफार्मेशन कमीशन से जारी बयान के मुताबिक 2014-2015 में करीब 7.55 लाख एप्लीकेशंस दायर की गई थीं जो कि 2015-2016 में करीब 22.67 फीसद बढ गई है। इस दौरान पिछले वर्ष के मुकाबले 2.21 लाख एप्लीकेशन ज्यादा आईं। इनमें से करीब 6.62 फीसद एप्लीकेशंस को खारिज कर दिया गया। हालांकि वर्ष 2014-2015 में यह आंकड़ा 8.39 फीसद था।
2015-2016 के दौरान आई करीब 47 फीसद एप्लीकेशंस को आईटीआई की विभिन्न धाराओं पर खरा न उतरने की वजह से खारिज कर दिया गया। वहीं करीब एक फीसद एप्लीकेशंस को आरटीआई की धारा 9 पर खरा न उतरने की वजह से खारिज कर दिया गया। सात फीसद एप्लीकेशंस ऐसी भी थीं जिनमें इंटेलिजेंस और सुरक्षा से संबंधित जानकारियां मांगे जाने की वजह से रद कर दी गईं।
सीआईसी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015-2016 के दौरान करीब 28,188 एप्लीकेशंस का जवाब दिया गया था जबकि इससे पूर्व यह आंकड़ा करीब 25960 का था। 1 अप्रेल 2016 तक करीब 34982 एप्लीकेशंस सेकेंड फेज में पेंडिंग थीं। इस दौरान देर से जवाब देने के लिए अधिकारियों पर करीब 9.41 लाख का जुर्माना भी लगाया गया।
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