दुष्कर्म मामले में आसाराम को उम्रकैद, अन्य दो दोषियों को 20-20 साल की जेल की सजा, जानिए क्या हो सकती है सजा
आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जबकि अन्य दो सहयोगी शिल्पी और शरत को 20-20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में 2013 से जोधपुर जेल में बंद आसाराम पर सजा का फैसला आ चुका है। आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जबकि अन्य शरत और शिल्पी को 20-20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। वहीं शिवा और प्रकाश को कोर्ट के द्वारा सबूतों के अभाव में बरी कर दिया जा चुका है।
आसाराम पर 15 और 16 अगस्त 2013 की रात एक लड़की ने दुष्कर्म का सनसनीखेज़ आरोप लगाया था। आरोप है कि जोधपुर के एक फार्म हाउस में आसाराम ने इलाज के बहाने उसका दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने दिल्ली के कमलानगर थाने में 19 अगस्त 2013 को आसाराम सहित इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
एफआईआर में आईपीसी की धारा 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज हुआ। दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में पीड़िता का मेडिकल कराया गया। 31 अगस्त 2013 को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया गया. जोधपुर सेशन कोर्ट में आरोप तय किये गए। आरोप पत्र में 58 गवाह पेश किये गए, जबकि अभियोजन पक्ष की तरफ से 44 गवाहों ने गवाही दी। 11 अप्रैल 2014 से 21 अप्रैल 2014 के दौरान पीड़िता के 12 पेज के बयान दर्ज किये गए। 4 अक्टूबर 2016 को आसाराम के बयान दर्ज किए गए।
22 नवम्बर 2016 से 11 अक्टूबर 2017 तक बचाव पक्ष ने 31 गवाहों के बयान दर्ज कराए। इसके लिए 225 दस्तावेज जारी किए गए। एससी-एसटी कोर्ट में 7 अप्रैल को बहस पूरी हो गई और कोर्ट ने फैसला सुनाने की तारीख 25 अप्रैल यानि आज के लिए तय कर दी। पुलिस की चार्जशीट में आसाराम को नाबालिग छात्रा को समर्पित करवा कर दुष्कर्म करने का आरोपी माना है।
आसाराम के खिलाफ धाराएं और सजा
धारा 376 (F)
यानी किसी लड़की के साथ उसके शिक्षक, रिश्तेदार, अभिभावक या धर्मगुरु द्वारा बलात्कार करना
सजा- दस साल से लेकर उम्रकैद
धारा 375 (C)
यानी किसी लड़की के अंगों से शारीरिक तौर पर छेड़छाड़ करना
सजा- दस साल से लेकर उम्रकैद
धारा 509/34
यानी लड़की या महिला का शीलभंग करना
सजा- तीन साल कैद
धारा 506
जान से मारने की धमकी देना
सजा- सात साल तक की कैद
धारा 354A
यौन उत्पीड़न
सजा- तीन साल तक की कैद
धारा 370A
यानी बाल तस्करी
सजा- आजीवन कारावास
धारा 120B
साजिश रचना
सजा- मुख्य गुनाह के बराबर सजा
धारा 109
किसी को गुनाह के लिए उकसाना या मजबूर करना
सजा- मुख्य गुनाह के बराबर सजा
पोक्सो एक्ट की धारा 5 एफ, 6, 7, 8 और 17
किसी शैक्षिक संस्थान में बाल यौन उत्पीड़न
सजा- दस साल से लेकर उम्रकैद तक