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मिलिए 136 बच्चों के माता-पिता से, इस कारण हो रही इनकी वाहवाही

Odisha: दंपति भटकते बच्चों के माता-पिता बनकर उनका पालन-पोषण कर रहे हैं। श्याम सुंदर और कसूरी जशोदा आश्रम नाम का एक अनाथालय चला रहे हैं।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 07:55 AM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 07:55 AM (IST)
मिलिए 136 बच्चों के माता-पिता से, इस कारण हो रही इनकी वाहवाही
मिलिए 136 बच्चों के माता-पिता से, इस कारण हो रही इनकी वाहवाही

कालाहांडी, एएनआइ। ओडिशा के कालाहांडी में एक दंपति सड़क पर भटकते बच्चों के माता-पिता बनकर उनका पालन-पोषण कर रहे हैं। श्याम सुंदर जल और उनकी पत्नी कसूरी 'जशोदा आश्रम' नाम का एक अनाथालय चला रहे हैं। जहां उन बच्चों को आश्रय दिया गया है, जिन्हें उनके जैविक माता-पिता (बायोलॉजिकल पेरेंट्स) ने छोड़ दिया। ऐसे 23 लड़के और 113 लड़कियां इस आश्रम में रह रहे हैं। जिन्होंने इन बच्चों को पैदा किया, वे भले ही इन्हें सड़क पर छोड़ गए हो, लेकिन श्याम और कसूरी ने न सिर्फ प्यार दिया, बल्कि उन्हें अपना नाम भी दिया है।

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Shyamsundar Jal & Kasturi Jal

श्यामसुंदर बताते हैं, 'ये बच्चे अब अपने माता-पिता के नाम के स्थान पर हमारे नाम का इस्तेमाल करते हैं। आश्रम में रहने वाली 12 लड़कियों की हम शादी करा चुके हैं। अभी यहां 19 बच्चे हैं, जो KIIT में पढ़ रहे हैं।'

Shyamsundar Jal

बता दें कि डोनेशन के पैसों से श्याम सुंदर और कसूरी ने 'जशोदा आश्रम' को बनाया। उन्होंने बताया कि छोड़े गए बच्चों में ज्यादातर लड़कियां हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि ये बच्चे उन्हें कहां और किन परिस्थितियों में मिले। श्यामसुंदर ने कहा कि हमें कई बच्चें झाड़ियों और तालाबों के पास पड़े मिले। कई ऐसे बच्चे थे, जिन्हें सड़क पर कुत्तों से काटने से हमने बचाया, तब पता चला कि ये बच्चे सड़क पर घूमने और सोने के लिए मजबूर हैं। इसलिए हमने एक छोटा से कमरा बनाया और कहा कि वे (माता-पिता जो बच्चों को सड़क पर फेंक कर चले गए) अपने बच्चों को यहां छोड़ सकते हैं। धीरे-धीरे दान के पैसों से दोनों ने 'जशोदा आश्रम' बनाया, ताकि कोई भी ऐसा बच्चा सड़क पर न भटके।

बता दें कि श्याम और सुंदरी के आश्रम में कई ऐसे बच्चें भी हैं, जो नवजात या कहे दुधमुंहे हैं। इन्होंने लोगों से अपील भी की है कि अगर उन्हें अपने बच्चे नहीं चाहिए, तो सड़क पर ना छोड़े। यहां (आश्रम) छोड़ जाएं।


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