Move to Jagran APP

ब्रेन डेड बच्ची के अंगों ने तय किया 170 किमी का सफर, तीन लोगों को मिलेगी नई जिंदगी

13 वर्षीय किशोरी मधुस्मिता बायन की मौत के बाद उसकी दो किडनी, दो कॉर्निया एवं लिवर को दूसरे इंसानों की जिंदगियों में उजाला भरने के लिए सर्जरी से निकाल लिया गया।

By Arti YadavEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 09:19 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 09:29 AM (IST)
ब्रेन डेड बच्ची के अंगों ने तय किया 170 किमी का सफर, तीन लोगों को मिलेगी नई जिंदगी
ब्रेन डेड बच्ची के अंगों ने तय किया 170 किमी का सफर, तीन लोगों को मिलेगी नई जिंदगी

दुर्गापुर, जागरण संवाददाता। पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर के मिशन अस्पताल में 13 वर्षीय किशोरी मधुस्मिता बायन की मौत (ब्रेन डेड) के बाद उसकी दो किडनी, दो कॉर्निया एवं लिवर को दूसरे इंसानों की जिंदगियों में उजाला भरने के लिए सर्जरी से निकाल लिया गया। इन अंगों को दुर्गापुर के मिशन अस्पताल से कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल तक ले जाने के लिए 170 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर (अंगों को तत्काल गंतव्य तक ले जाने को रास्ता खाली करवाया गया) बनाया गया। दुर्गापुर से शाम 7.30 बजे अंगों को लेकर डॉक्टरों की टीम कोलकाता रवाना हुई।

loksabha election banner

मधुस्मिता तो अब नहीं रही पर वह हमेशा उन इंसानों में जीवित रहेगी जिनमें उसके अंग लगेंगे। मानवीय संवेदनाओं की प्रतिमूर्ति मधुस्मिता और उसके माता-पिता के प्रति हर व्यक्ति श्रद्धाभाव रख रहा है। मधुस्मिता मूलरूप से असम के बरपेटा की निवासी थी। कुछ साल से बांकुड़ा के मेजिया में अपने परिवार के साथ रहती थी। मस्तिष्क की बीमारी के कारण उसे 11 नवंबर को दुर्गापुर के मिशन अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां वह कोमा में चली गई। जांच के बाद वहां चिकित्सकों ने उसके ब्रेन डेड की घोषणा कर दी।

सीआइएसएफ के फायर सर्विस विभाग मेजिया ताप विद्युत केंद्र में कार्यरत उसके पिता दिलीप बायन एवं मां अर्चना को उनके साथियों एवं डॉक्टरों ने मधुस्मिता के किडनी, लिवर व कार्निया दान के लिए तैयार किया। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद रविवार को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल से डॉ. अभिजीत चौधरी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम ने मिशन अस्पताल के डॉक्टरों की मौजूदगी में शाम साढ़े चार बजे से अंग को निकालने का ऑपरेशन शुरू किया। शाम सात बजे तक तीनों अंगों को सफलता पूर्व निकाल लिया गया। उसके बाद टीम अंगों को लेकर कोलकाता के लिए रवाना हो गई। पहली बार राज्य में कोलकाता के बाहर के जिले से अंगों को कोलकाता भेजने की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए प्रशासन ने भी पूरा सहयोग देकर पुलिस उपायुक्त अभिषेक मोदी के नेतृत्व में ग्रीन कॉरिडोर तैयार कराया।

तीन लोगों को मिलेगी नई जिंदगी

मधुस्मिता बायन के अंगों से तीन लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। एसएसकेएम के एक सीनियर डॉक्टर ने बताया कि क्रॉस-मैचिंग के बाद उत्तर 24 परगना और नाडिया जिले के दो मरीजों को मधुस्मिता की किडनी ट्रांसप्लांट की जाएगी और परगना जिले के एक अन्य रोगी को लिवर ट्रांसप्लांट किया जाएगा। डॉक्टर ने कहा कि किशोरी की कॉर्निया को आई-बैंक में रखा जाएगा।

बेटी का शव मिलते ही रोते-रोते माता-पिता हो गए बेहोश
ऑपरेशन के बाद परिवार वालों को मधुस्मिता का पार्थिव शरीर सौंप दिया गया। बेटी का शव मिलते ही माता-पिता की आंखों से आंसुओं का सैलाब छलक पड़ा। दोनों एक बार बेहोश भी हो गए। उनका डॉक्टरों ने उपचार किया। मिशन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पार्थ पाल ने बताया कि दोनों किडनी, दोनों कार्निया एवं लिवर को प्रत्यारोपण के लिए सफलतापूर्वक निकाला गया एवं कोलकाता भेजा गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.