डाक विभाग ने जमा की जानकारी नहीं दी, जांच का आदेश
अर्जी दायर करने वाली संघमित्रा मुखर्जी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोग के सामने अपनी बात रखी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने जमा धन की जानकारी मुहैया नहीं कराने पर डाक विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई है। आरटीआइ अर्जी दायर करने वाली के माता-पिता द्वारा किए गए निवेश की सूचना मुहैया नहीं कराने को आयोग ने अमानवीय और अनुचित व्यवहार माना है। आयोग ने इसकी जांच का आदेश दिया है।
अर्जी दायर करने वाली संघमित्रा मुखर्जी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोग के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने अपने घर के सामने स्थित उत्तर कोलकाता डिवीजन के डाक घर के अधिकारियों द्वारा लगातार परेशान किए जाने की कहानी सुनाई। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि एकमात्र नामित होने के कारण मुखर्जी अपने माता-पिता द्वारा किए गए निवेश का ब्योरा हासिल करने का प्रयास कर रही हैं। अपने दावे के समर्थन में उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र और नामित होने का दस्तावेज सौंपा है।
सूचना आयुक्त ने कहा कि करीब तीन वर्षो से उन्हें ब्योरा मुहैया नहीं कराया गया है। लगातार डाक घर जाने के बाद उन्होंने 28 दिसंबर 2015 को आरटीआइ अर्जी दायर की। याची ने कहा कि वह अकेली है क्योंकि उनके पति का भी निधन हो चुका है। अधिक उम्र होने के कारण उनकी नजर कमजोर हो गई है और वह मधुमेह से भी पीडि़त हैं। ब्योरा तलाशने के नाम पर हर बार उन्हें घंटों इंतजार करने पर विवश किया जाता है।
आचार्युलु ने कहा कि सुनवाई में पेश डाक के सहायक अधीक्षक संजय विश्वास उत्तर देने में नाकाम रहे। आयोग यह सोचने पर मजबूर है कि अर्जी दायर करने वाली को लाभ वंचित करने के पीछे कर्मचारियों की कुछ गलत मंशा है।