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किसानों के आंदोलन में कूदा विपक्ष, भारत बंद का किया समर्थन, चक्का जाम तीन बजे तक, एंबुलेंस को रहेगी छूट

विपक्ष के कई नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर किसानों के आठ दिसंबर के भारत बंद का समर्थन किया है और केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों को मानने के लिए दबाव बनाया है। उद्धव ठाकरे किसान और मजदूर विरोधी केंद्रीय कानूनों के खिलाफ हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 09:55 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 07:07 AM (IST)
किसानों के आंदोलन में कूदा विपक्ष, भारत बंद का किया समर्थन, चक्का जाम तीन बजे तक, एंबुलेंस को रहेगी छूट
किसानों की मांगों को मानने के लिए केंद्र सरकार पर बनाया दबाव।

नई दिल्ली, एजेंसियां। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को प्रस्तावित भारत बंद के दौरान तीन बजे तक चक्का जाम रहेगा। किसान संगठनों के मुताबिक इस दौरान दुकानें बंद रहेंगी और दूध-सब्जियों तक की सप्लाई नहीं होगी। हालांकि आपातकालीन सेवाओं जैसे एंबुलेंस के अलावा शादी में आने-जाने वाली गाड़ियों को नहीं रोका जाएगा। ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव बलदेव सिह निहालगढ़ व जगमोहन सिह की उपस्थिति में रविवार को सिंघु बॉर्डर पर आयोजित प्रेस वार्ता में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने दावा किया कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान की सारी मंडियां बंद रहेंगी। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक भारत बंद को कई दलों का समर्थन मिला है।

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सोनिया, पवार, येचुरी, फारूक अब्दुल्ला, उद्धव ठाकरे ने किया भारत बंद का समर्थन

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन में विपक्षी दल भी कूद पड़े हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और फारूक अब्दुल्ला समेत विपक्ष के कई नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर किसानों के आठ दिसंबर के भारत बंद का समर्थन किया है और केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों को मानने के लिए दबाव बनाया है।

कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को वापस लेने की किसानों की मांग का समर्थन

संयुक्त बयान में इन नेताओं ने कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को वापस लेने की किसानों की मांग का समर्थन किया है। संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में द्रमुक नेता एमके स्टालिन, राजद नेता तेजस्वी यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, भाकपा महासचिव डी. राजा, भाकपा-माले के दीपांकर भट्टाचार्य भी शामिल हैं।

शिवसेना ने कहा- उद्धव ठाकरे किसान और मजदूर विरोधी केंद्रीय कानूनों के खिलाफ हैं

शिवसेना के राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने कहा कि उद्धव ठाकरे किसान और मजदूर विरोधी केंद्रीय कानूनों के खिलाफ हैं। शिवसेना और उद्धव ठाकरे भारत बंद का समर्थन करते हैं। इससे पहले अकाली नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने भी उद्धव ठाकरे से दिन में मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि उद्धव ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया है।

विपक्ष का सरकार पर आरोप

विपक्षी दलों ने सरकार पर कृषि कानूनों को मनमाने तरीके से संसद में पारित कराने का आरोप भी लगाया है। इन कानूनों को खाद्य सुरक्षा, कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए खतरा बताया है। विपक्षी नेताओं ने कहा है कि सरकार को लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करते हुए किसान-अन्नदाता की उचित मांगों को मान लेना चाहिए।

कांग्रेस ने घोषणापत्र में किया था वादा

कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस सबसे ज्यादा मुखर है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहा था कि वह कृषि उपज मंडी समितियों के अधिनियम में संशोधन करेगी, जिससे की कृषि उपज के निर्यात और अंतरराज्यीय व्यापार में लगे सभी प्रतिबंध समाप्त हो जाएंगे। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 को बदलकर आज की जरूरतों और संदर्भो के हिसाब से नया कानून बनाने की बात भी कही थी, जो विशेष आपात परिस्थितियों में ही लागू किया जा सके।

किसानों के आंदोलन के मसले पर राष्ट्रपति से मिलेंगे शरद पवार

किसानों के आंदोलन के मसले पर राकांपा नेता शरद पवार नौ दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। राकांपा प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि पवार की राष्ट्रपति से शाम पांच बजे मुलाकात होगी। उनके साथ सीताराम येचुरी, डी राजा और द्रमुक सांसद टीआर बालू भी होंगे।

तीनों कृषि कानून पूरी तरह से निरस्त किए जाएं, एमएसपी की किसानों को गारंटी मिले

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि हमारी मांग है कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से निरस्त किए जाएं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की किसानों को गारंटी मिले। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।

केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ही भारत बंद

बलदेव सिंह निहालगढ़ ने कहा कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ही भारत बंद किया जा रहा है। अब सभी की निगाहें नौ दिसंबर को सरकार के साथ होने वाली किसानों की बातचीत पर टिकी हैं। भाकियू (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मजबूरी में खेती-किसानी को छोड़कर यहां ठंड में पड़े हैं।

भारत बंद को लेकर ऑटो-टैक्सी वाले दोफाड़

प्रस्तावित भारत बंद को लेकर दिल्ली की ऑटो टैक्सी यूनियन दोफाड़ हो गई हैं। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ, दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन, इंदिरा गांधी इंटरनेशल एयरपोर्ट टर्मिनल-2 टैक्सी यूनियन बंद में शामिल नहीं होगी। यूनियन नेताओं ने कहा कि हम लोग बंद का समर्थन नहीं करते हैं। एयरपोर्ट से भी टैक्सी आदि का संचालन जारी रहेगा। ग्रामीण सेवा, ईको फ्रेंडली सेवा वाले भी बंद में शामिल नहीं हैं। हालांकि ऑल दिल्ली टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष किशन वर्मा ने बंद का समर्थन किया है।

दिल्ली में नहीं दिखेगा बंद

दिल्ली के अधिकतर बाजार संगठनों ने बंद का विरोध किया है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल दिल्ली के महामंत्री व फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव ने कहा कि किसान आंदोलन के प्रति यापारियों की सहानुभूति है पर वे बाजार बंद के समर्थन में नहीं हैं। कुछ ऐसी ही राय चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव और कश्मीरी गेट ऑटोमोटिव पा‌र्ट्स मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष विष्णु भार्गव की है। उन्होंने कहा कि भारत बंद को लेकर उनके बाजार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ने बंद का


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