पहले ही दिन से सरकार पर विपक्ष बोलेगा हल्ला
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन एकजुट विपक्ष सरकार की जमकर खबर लेगा। वामदलों ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ काम रोको प्रस्ताव लाने का एलान किया है, जिस पर अन्य विपक्षी दल भी मोटे तौर पर सहमत हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन एकजुट विपक्ष सरकार की जमकर खबर लेगा। वामदलों ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ काम रोको प्रस्ताव लाने का एलान किया है, जिस पर अन्य विपक्षी दल भी मोटे तौर पर सहमत हैं। भाजपा इसके साथ अन्य मुद्दों पर भी विपक्षी एकता चाहती है, इसलिए वह पहले राजग और उसके बाद अन्य दलों के साथ चर्चा कर सदन की रणनीति तैयार करेगी। सत्र में काला धन एवं जाति आधारित जनगणना पर भी विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करेगा।
संसद के शीत सत्र में राजनीतिक गर्मी के पूरे आसार बन गए हैं। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सत्र शुरू होने के पहले सदन के नेताओं के साथ औपचारिक बैठक कर सदन को ठीक ढंग से चलाए जाने पर चर्चा की है। सभी नेताओं ने इस पर सकारात्मक रुख तो दिखाया, लेकिन तमाम मुद्दों को उठाने की घोषणा ने सरकार की मुसीबतें भी बढ़ा दी हैं। बीते सत्र में महंगाई के मामले को सत्र की शुरुआत में ही काम रोको प्रस्ताव से उठाने की विपक्ष की कोशिशों को लोकसभा अध्यक्ष ने तात्कालिक महत्व का मुद्दा न मानकर नकार दिया था, लेकिन इस बार फिर विपक्ष ने वही रास्ता अपनाने का फैसला किया है।
बैठक के बाद विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि भाजपा ने महंगाई समेत आठ मुद्दों पर चर्चा कराने व चार मुद्दों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। इनमें भ्रष्टाचार का मुद्दा सीधे तौर पर तो शामिल नहीं है, लेकिन विभिन्न मुद्दों में पार्टी इसकी चर्चा करेगी। महंगाई के अलावा वह काला धन खासकर स्विस बैंकों में खातों की सूची, योजना आयोग के गरीबी की रेखा के नए मापदंड, तेलंगाना, केंद्र-राज्य संबंध, कश्मीर की स्थिति, मनमोहन सिंह के पाक प्रधानमंत्री को अमन पसंद बताने एवं महिलाओं पर अत्याचार के मुद्दों पर नियम 193 के तहत बहस कराने के नोटिस दिए हैं। इसके अलावा उसने भूजल में बढ़ती फ्लोराइड की मात्रा, इनसेफलाइटिस [जापानी बुखार], कई राज्यों में धान की खरीद न होने व कन्या भ्रूण हत्या ने मुद्दों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।
इनके अलावा मनरेगा में भ्रष्टाचार, लोकपाल विधेयक, खराब आर्थिक स्थिति, रंगनाथ मिश्र आयोग रिपोर्ट, भूमि अधिग्रहण कानून के मुद्दे भी जोर शोर से गूंजेंगे। सरकार को समर्थन कर रहे लालू प्रसाद भी मुद्दे उठाने में पीछे नहीं रहेंगे और वे भी जाति आधारित जनगणना का काम रोकने को लेकर सरकार को कसेंगे। सुषमा स्वराज ने बैठक में कहा कि जो भी मुद्दे हैं सरकार सदन शुरू होने से पहले तय कर ले कि वह किस नियम के तहत उठेंगे तो विवाद नहीं होगा, क्योंकि हमेशा टकराव नियमों के तहत ही होता है। अविश्वास प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी विचार नहीं किया गया है।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा है कि सदन चलाने को लेकर सभी दलों का रुख सकारात्मक है। कुछ दलों ने सत्र बढ़ाए जाने की मांग की है, इस पर स्थिति को देखते हुए विचार किया जाएगा। संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने कहा है कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। लोकपाल विधेयक लाने के लिए भी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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