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संसद सत्र धुलना तय देख राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटाएगा विपक्ष

नोटबंदी पर सरकार के खिलाफ लड़ाई में विपक्षी खेमे को साधे रखने की रणनीति के तहत कांग्रेस फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में राहुल गांधी के खुलासा करने के दावे को थाम लिया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 15 Dec 2016 07:46 PM (IST)Updated: Thu, 15 Dec 2016 08:00 PM (IST)
संसद सत्र धुलना तय देख राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटाएगा विपक्ष

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । नोटबंदी की मुश्किलों के साथ संसद में नहीं बोलने दिए जाने के मुद्दे पर विपक्ष ने अब राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। विपक्षी दलों की योजना शीत सत्र का पर्दा गिरने के बाद मार्च करते हुए राष्ट्रपति भवन जाने की है। नोटबंदी पर सरकार के खिलाफ लड़ाई में विपक्षी खेमे को साधे रखने की रणनीति के तहत कांग्रेस फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में राहुल गांधी के खुलासा करने के दावे को थाम लिया है।

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संसद के दोनों सदनों में आखिरी दिन भी नोटबंदी पर संग्राम तय है। इस तरह शीत सत्र बिना किसी बहस-चर्चा और काम किए खत्म होना तय है। पिछले कई सालों में यह पहला सत्र होगा जो लगभग बिना काम किए पूरी तरह धुल जाएगा। राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में सभी 16 पार्टियों के प्रतिनिधियों की हुई बैठक में इन सबका कहना था कि सरकार ने नोटबंदी पर अपनी नाकामी छुपाने के लिए संसद में बहस नहीं होने दी है। इसलिए राष्ट्रपति से इस बात की शिकायत की जाएगी कि सत्तापक्ष ने संसद में विपक्ष को उसके बोलने के लोकतांत्रिक अधिकार से रोका है।

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इन नेताओं ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति का ध्यान दिलाया जाएगा कि नोटबंदी से पूरे देश में आमलोगों की हालात खराब है और इतने अहम मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं होने देने बेहद गंभीर मसला है। इस बैठक में टीएमसी, एनसीपी, सपा, बसपा, राजद, द्रमुक आदि दलों के नेता मौजूद थे। राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटाने की बनी योजना के तहत विपक्ष संसद भवन के बाहर विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च करेगा। हालांकि अभी तक राष्ट्रपति भवन से विपक्षी नेताओं के मिलने का समय तय नहीं हुआ है।

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि लोकसभा में सवा तीन सौ सांसदों के बड़े बहुमत वाली सरकार नोटबंदी पर विपक्ष की बात सुनने से भी भयभीत है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नोटबंदी की हवा निकलने के बाद सरकार ध्यान बंटाने के लिए जहां एक ओर संसद में बहस नहीं होने दे रही तो दूसरी ओर कैशलेस या लेश कैस की बात कर रही है जो सरकार की जुमलेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं है।

राष्ट्रपति से शिकायत करने की तैयारी के बीच राहुल के पीएम पर लगाए आरोपों पर आगे नाप -तौल कर ही कदम उठाने के कांग्रेस के रुख का भी सिंघवी ने साफ संकेत दिया। पीएम के खिलाफ कथित निजी भ्रष्टाचार का खुलासा करने के राहुल के दावे पर पूछे गए सवालों के जवाब में सिंघवी ने कहा कि जैसे मोदी संसद के प्रति जवाबदेह हैं उसी तरह राहुल गांधी की भी सांसद के नाते जवाबदेही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थान और समय का चयन राहुल खुद तय करेंगे।

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