बस्तर में शुरू हुआ 'ऑपरेशन प्रहार', दो नक्सली ढेर
मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ का एक जवान भी घायल हो गया। ऑपरेशन में एसटीएफ डीआरजी के 1400 और सीआरपीएफ कोबरा के 450 जवान शामिल हुए।
रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में 2020 का पहला ऑपरेशन प्रहार शुरू हो गया है। नक्सलियों के खिलाफ मुहिम फिर से शुरू कर दी गई है। छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षाबलों की ओर से 2020 का पहला ऑपरेशन प्रहार प्रारंभ कर दिया गया है। 18 फरवरी की शाम से शुरू ऑपरेशन में अब तक सुकमा और नारायणपुर में एक-एक नक्सली को मारने में सफलता मिली है। वहीं, चार नक्सलियों के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। इस अभियान के दौरान एसटीएफ का एक जवान भी घायल हुआ है।
डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया कि यह अभियान तेलंगाना की सीमा से लेकर महाराष्ट्र की सीमा तक एक साथ चलाया जा रहा है। इसमें एसटीएफ एवं डीआरजी के लगभग 1400 जवान और सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के 450 जवान शामिल हैं। सुकमा जिले के टोंडामरका इलाके में एसटीएफ एवं डीआरजी के साथ हुई मुठभेड़ में एक नक्सली का शव, हथियार के साथ बरामद हुआ है। यहां चार घंटे तक मुठभेड़ चली।
पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि यहां सौ से अधिक वर्दीधारी नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर चिंतागुफा और बुरकापाल कैंप से 600 से अधिक जवानों ने मंगलवार शाम ऑपरेशन लांच किया था। इलाके में अब भी सर्चिग चल रही है। एसपी शलभ सिन्हा ने घायल नक्सलियों की संख्या आठ-नौ होने की उम्मीद की है। मृत नक्सली की पहचान नहीं हो पाई है।
हार्डकोर नक्सली नागेश कर रहा था नेतृत्व
एसपी शलभ ने बताया कि काली वर्दीधारी नक्सलियों का नेतृत्व हार्डकोर नक्सली नागेश कर रहा था। अंदेशा है कि नक्सली हिड़मा भी वहां मौजूद था, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है। ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए 20-25 किमी पैदल चलकर जवान तोंडामरका पहुंचे थे। वहीं, नारायणपुर जिले के पुसपाल इलाके में इकुल ग्राम के पास एसटीएफ एवं डीआरजी के साथ अन्य मुठभेड़ में एक माओवादी का शव बरामद हुआ है। कुछ माओवादियों के घायल होने की सूचना है।