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टीका न लगवाने वाले ही ज्यादा हो रहे कोरोना वायरस से संक्रमित, जानें- प्रमुख राज्यों का हाल

दैनिक जागरण द्वारा झारखंड मध्य प्रदेश बिहार और उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में की गई एक पड़ताल के मुताबिक बीते कुछ समय में इस महामारी से संक्रमित होने वालों में अधिकांश वह लोग हैं जिन्होंने टीके की एक भी डोज नहीं ली है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 11:34 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 12:07 AM (IST)
टीका न लगवाने वाले ही ज्यादा हो रहे कोरोना वायरस से संक्रमित, जानें- प्रमुख राज्यों का हाल
दोनों डोज लेने वाले मरीजों में अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति कम

जागरण टीम, नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है। केंद्र सरकार का टीकाकरण पर खास ध्यान है। जुलाई माह में 13 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया है। दरअसल कोरोना महामारी से युद्ध में टीका एक अहम हथियार बनकर सामने आया है। दैनिक जागरण द्वारा झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में की गई एक पड़ताल के मुताबिक, बीते कुछ समय में इस महामारी से संक्रमित होने वालों में अधिकांश वह लोग हैं जिन्होंने टीके की एक भी डोज नहीं ली है। टीके की दोनों डोज लेने के बाद भी संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या बेहद कम है। इससे साफ है कि टीका लगवाना कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहने का एक कारगर उपाय है।

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आइए आंकड़ों के जरिये देखें कि टीका लगवाने वाले और न लगवाने वालों पर कोरोना अब कैसे असर डाल रहा है:

मध्य प्रदेश: 54 फीसद ने नहीं लगवाया टीका

कोरोना से जकड़ा मध्य प्रदेश की बात करें तो कोरोना से पिछले दो महीने में संक्रमित हुए मरीजों में से 34 फीसद ने टीके की पहली डोज ली है। 12 फीसद मरीज ऐसे भी हैं जो कोरोना रोधी टीके की दोनों डोज लगवा चुके हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की टीकाकरण स्टेटस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इन हालिया संक्रमित मरीजों में 54 फीसद ऐसे हैं, जिन्होंने टीके की एक भी डोज नहीं लगवाई है। यानी आधे से अधिक संक्रमित वह हैं जिन्हें टीका नहीं लगा है। यह कुल 576 मरीजों का विश्लेषण है।

झारखंड: टीका न लगवाने वाले 89 फीसद को हुआ संक्रमण

झारखंड में अभी 270 संक्रमित मरीज हैं, इनमें से 89 फीसद मरीजों ने टीका नहीं लगवाया है। जागरण ने संक्रमित मरीजों का हाल लिया तो पाया कि महज 11 फीसद लोगों ने ही टीके की पहली डोज ली है। दोनों डोज लेनेवाले गिने-चुने लोग संक्रमित हुए। जिसने एक डोज भी ली है, उसे भी गंभीर संक्रमण नहीं हुआ। महज तीन फीसद संक्रमित ऐसे रहे, जिन्होंने दोनों डोज लगवाई हैं। इनमें एक फीसद से भी कम को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। शेष होम आइसोलेशन में हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि अधिक से अधिक टीकाकरण से ही हम सुरक्षित हो सकते हैं। झारखंड में सबसे अधिक 49 संक्रमित रांची में मिले जिसमें केवल पांच ने ही टीके की पहली डोज ली थी। दूसरी डोज इनमें से किसी को भी नहीं लगी थी। गढ़वा जिले में पिछले हफ्ते चेन्नई से लौटा एक मजदूर संक्रमित था। लापरवाही से 19 लोग संक्रमित हो गए। इनमें किसी ने टीका नहीं लगवाया था।

बिहार: केवल 14 फीसद ऐसे मरीज जिन्होंने दोनों डोज लीं

बिहार के आंकड़ें भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि टीका कोरोना से बचाव का कवच है। बिहार में इस वक्त कुल एक्टिव केस 456 हैं जिसमें 170 यानी 37.28 फीसद ने टीके की एक भी डोज नहीं लगवाई है। इसमें से 220 यानी 48.24 फीसद पहली डोज लगवा चुके हैं। कुल 456 संक्रमितों में महज 66 यानी 14.47 फीसद लोग टीके की दोनों डोज ले चुके हैं।

कानपुर: कोरोना के कुल 36 एक्टिव केस

कानपुर में वर्तमान में कोरोना के कुल 36 एक्टिव केस हैं। इनमें कोई अस्पताल में भर्ती नहीं है। गुरुवार को यहां कोरोना के 30 संक्रमित मिले थे। चार का पूर्ण टीकाकरण होने और दो को सिंगल डोज लगे होने की जानकारी मिली है। 

झारखंड के स्वास्थ्य विभाग राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डाक्टर अजीत प्रसाद ने बताया कि ऐसे लोग संक्रमित कम हुए, जिन्होंने टीके की एक या दोनों डोज ले ली थी। दोनों डोज लेनेवाले संक्रमित भी हुए तो गंभीर रूप से बीमार नहीं हुए। तीसरी लहर से बचाव में टीकाकरण, मास्क तथा शारीरिक दूरी का अनुपालन हथियार बनेंगे।


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