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देश में चिक‍ित्‍सा का हाल: देश में 854 लोगों पर सिर्फ एक डाक्टर, 559 लोगों पर मात्र एक नर्स, एलोपैथिक डाक्टरों की संख्‍या 12.68 लाख

केंद्र सरकार ने लोकसभा में बुधवार को बताया कि देश में 854 लोगों पर एक एलोपैथिक डाक्टर और 559 लोगों पर एक नर्स उपलब्ध है। यह आंकड़ा पंजीकृत एलोपैथिक डाक्टरों की 80 प्रतिशत उपलब्धता पंजीकृत नर्सो की 70 प्रतिशत उपलब्धता मानकर निकाला गया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 08:38 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 08:40 PM (IST)
देश में चिक‍ित्‍सा का हाल: देश में 854 लोगों पर सिर्फ एक डाक्टर, 559 लोगों पर मात्र एक नर्स, एलोपैथिक डाक्टरों की संख्‍या 12.68 लाख
देश में 854 लोगों पर सिर्फ एक डाक्टर, 559 लोगों पर मात्र एक पंजीकृत नर्स। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने लोकसभा में बुधवार को बताया कि देश में 854 लोगों पर एक एलोपैथिक डाक्टर और 559 लोगों पर एक नर्स उपलब्ध है। यह आंकड़ा पंजीकृत एलोपैथिक डाक्टरों की 80 प्रतिशत उपलब्धता पंजीकृत नर्सो की 70 प्रतिशत उपलब्धता मानकर निकाला गया है।

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संसद के निचले सदन में एक लिखित जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि राज्य चिकित्सा परिषदों (एसएमसी) और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में पंजीकृत 12.68 लाख एलोपैथिक और 5.65 लाख आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं। स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा कि अब तक की उपलब्ध सूचनाओं के मुताबिक देश में पंजीकृत नर्सिग कर्मचारियों की संख्या कुल 32.63 लाख है, जिसमें 22.72 लाख पंजीकृत नर्स और 9.91 लाख पंजीकृत नर्स एसोसिएट्स शामिल हैं। उन्होंने कहा कि डाक्टरों, नर्सो और पैरामेडिक्स की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।

इनमें जिन जिलों में मेडिकल कालेज नहीं हैं, वहां केंद्रीय वित्तपोषण योजना के तहत जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेज के रूप में अपग्रेड किया जाना शामिल है। इसके तहत तीन चरणों में 157 अस्पतालों को मंजूरी दी गई है और इसके लिए धन भी जारी किए गए हैं। इनमें से 47 मेडिकल कालेज संचालित हो गए हैं। इसके अलावा मौजूदा केंद्र या राज्य सरकार के मेडिकल कालेजों में भी एमबीबीएस और पोस्ट-ग्रेजुएट की सीटें बढ़ाई जा रही हैं। देश में 558 मेडिकल कालेज स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा कि एनएमसी द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक देश में कुल 558 मेडिकल कालेज में और इनमें एमबीबीएस की 83,275 और एमडी, एमएस, डीएम, एमसीएच के लिए पीजी और डिप्लोमा के 42,720 सीटें हैं।

कोरोना पीडि़तों को मुआवजा का मामला विचाराधीन पवार ने बताया कि कोरोना महामारी से पीडि़तों को मुआवजा देने के लिए दिशानिर्देश तय करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर संबंधित हितधारकों की राय ली जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इसे महामारी घोषित करना और देश में इसके प्रसार को देखते हुए सरकार ने कोरोना महामारी को अधिसूचित आपदा में शामिल किया है। इसके मुताबिक ही विभिन्न कंटेनमेंट उपायों के लिए राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के तहत मदद मुहैया कराई जा रही है।

कोरोना से 4,18,987 मौतें हुईं स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने बताया कि देश भर में पिछले साल जनवरी से लेकर इस साल 22 जुलाई तक कोरोना वायरस से संक्रमण के चलते कुल 4,18,987 लोगों की मौत हुई है। दूसरी लहर में आक्सीजन की मांग 9,000 टन तक पहुंची भारती प्रवीण पवार ने सदन को बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान एक दिन में आक्सीजन की मांग 9,000 टन तक पहुंच गई थी। जबकि, महामारी की पहली लहर में एक दिन में सबसे अधिक 3,095 टन आक्सीजन की मांग पहुंची थी। उन्होंने बताया कि पिछले साल अगस्त में प्रतिदिन 5,700 टन आक्सीजन का उत्पादन हो रहा था, जो 13 को बढ़कर 9,690 टन प्रतिदिन हो गया था। 28 मई को केंद्र सरकार ने राज्यों को 10,250 टन आक्सीजन आवंटित किए थे।


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