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जब रवैया उदासीन तो कैसे होंगे सिटी स्मार्ट

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 60 शहरों के लिए 9860 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। अभी तक केवल सात फीसद या करीब 645 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके हैं।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 30 Dec 2017 09:47 PM (IST)Updated: Sat, 30 Dec 2017 09:47 PM (IST)
जब रवैया उदासीन तो कैसे होंगे सिटी स्मार्ट
जब रवैया उदासीन तो कैसे होंगे सिटी स्मार्ट

नई दिल्ली, प्रेट्र। शहरों को स्मार्ट बनाने का सपना साकार करने के लिए शुरू किए गए मिशन की धीमी गति से शहरी विकास मंत्रालय चिंतित है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 60 शहरों के लिए 9860 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। अभी तक केवल सात फीसद या करीब 645 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके हैं।

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40 शहरों में से हर एक को 196 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, केवल अहमदाबाद ने सर्वाधिक 80.15 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इंदौर ने 70.69 करोड़ रुपये, सूरत ने 43.41 करोड़ रुपये और भोपाल ने 42.86 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अंडमान एवं निकोबार के लिए स्वीकृत कोष में से केवल 54 लाख रुपये का ही इस्तेमाल हो सका है। इसके अलावा रांची में 35 लाख रुपये और औरंगाबाद में 85 लाख रुपये का इस्तेमाल हुआ है।

आवास एवं शहरी विकास मामलों के अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि कुछ शहरों में परियोजना की प्रगति संतोषजनक नहीं है जिससे मंत्रालय चिंतित है। पिछड़ रहे शहरों से मंत्रालय संपर्क करेगा और त्वरित रूप से परियोजना लागू होने की राह में उत्पन्न होने वाली बाधाओं की पहचान करेगा।

केंद्र से जिन शहरों को करीब 111 करोड़ रुपये मिले हैं उनमें वडोदरा ने 20.62 करोड़ रुपये, सिक्किम में नामची ने 6.80 करोड़ रुपये जबकि तमिलनाडु के सलेम, वेल्लोर और तंजावुर में क्रमश: केवल पांच लाख रुपये, छह लाख रुपये और 19 लाख रुपये ही खर्च हो पाए हैं।

सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अभी तक 90 शहरों का चयन किया है। विभिन्न परियोजनाएं लागू करने के लिए हर शहर को केंद्रीय सहायता के रूप में 500 करोड़ रुपये मिलेंगे। परियोजना लागू करने के लिए केंद्र से कोष हासिल करने के वास्ते शहरों को स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) स्थापित करना होगा। 

इन राज्यों में प्रदर्शन अच्छा 

आवास एवं शहरी विकास मामलों के अधिकारी ने हाल ही में बताया था कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार के शहरों में प्रदर्शन बेहतर पाया गया।

खराब प्रदर्शन वाले ये राज्य 

अधिकारी ने कहा कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र के शहरों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। इन राज्यों के शहरों को प्रक्रिया लागू करने की गति तेज करनी होगी। 

अच्छा प्रदर्शन करने वाले को स्मार्ट सिटी अवार्ड

शहरों में प्रतिस्पर्धा कायम करने के लिए और उन्हें परियोजना लागू करने की गति में तेजी लाने की तरफ अग्रसर करने के लिए केंद्र सरकार अगले वर्ष बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को स्मार्ट सिटी अवार्ड प्रदान करेगी।

हर किसी के सामने है चुनौती : मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अगस्त को कहा था कि हर किसी के सामने 90 शहरों में काम तेजी से पूरा करने की चुनौती है।

अगले साल मध्य तक दिखने लेगा असर : पुरी

आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने इस महीने के शुरू में कहा था कि परियोजना का प्रभाव अगले साल मध्य तक दिखने लगेगा।

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