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देश में रह सकते हैं सिर्फ 15 सौ और बाघ, इनकी बढ़ती संख्या को लेकर सरकार ने उठाए ठोस कदम

बाघों की गणना को लेकर आई रिपोर्ट के मुताबिक देश में मौजूदा समय में बाघों की संख्या 2967 हो गई है। 2006 में देश में बाघों की कुल संख्या 1411 थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 08:57 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 08:57 PM (IST)
देश में रह सकते हैं सिर्फ 15 सौ और बाघ, इनकी बढ़ती संख्या को लेकर सरकार ने उठाए ठोस कदम
देश में रह सकते हैं सिर्फ 15 सौ और बाघ, इनकी बढ़ती संख्या को लेकर सरकार ने उठाए ठोस कदम

अरविंद पांडेय। नई दिल्ली। बाघों की बढ़ी संख्या से देश में खुशी का माहौल तो है पर यदि यह बढ़त इसी रफ्तार से कायम रही, तो देश के सामने आने वालों सालों में एक अलग-सी चिंता खड़ी हो सकती है। वह बाघों के रहने की होगी।

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अध्ययन के मुताबिक देश के मौजूदा अभयारण्यों में अब सिर्फ 15 सौ और बाघों के रहने की क्षमता बची है। हालांकि इनमें से कई ऐसे अभयारण्य है, जहां इनकी संख्या काफी कमी है, जबकि कुछ ऐसे क्षेत्र है, जहां इनकी संख्या मौजूदा क्षमता से या तो ज्यादा हो चुकी है, या फिर पर्याप्त हो चुकी है, पर औसत आंकड़ा चौंकाने वाला है।

देश में बाघों के मौजूदा अभयारण्य की क्षमता को बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। यानी कुल 4500 बाघ ही वर्तमान माहौल में भारत के अभयारणों में रह सकते हैं। फिलहाल हम लगभग 3000 का आंकड़ा छू चुके हैं।

बाघों की गणना से जुड़ी रिपोर्ट के मुताबिक देश में मौजूदा समय में बाघों के लिए उपयुक्त करीब 3.81 लाख वर्ग किमी क्षेत्रफल है, जबकि इनमें हालिया सर्वे में करीब 90 हजार वर्ग किमी क्षेत्रफल में ही बाघों की मौजूदगी है।

हालांकि एक बड़े क्षेत्र के खाली होने के पीछे एक बड़ी वजह इनमें बाघों के अनुकूल माहौल का अभाव है। ऐसे में सरकार की पूरी कोशिश है कि वह इन क्षेत्रों को भी बाघों के लिए अनुकूल बनाए। साथ ही बाघों के लिए एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में आने जाने के लिए रास्ता भी बनाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि वह जरूरत के मुताबिक सुरक्षित रूप से आ जा सके। दरअसल, किसी भी अभयारण्य में बाघों की क्षमता का आंकलन उनमें उसके लिए मौजूद भोजन के आधार पर किया जाता है।

बाघों के संरक्षण से जुड़े वरिष्ठ वैज्ञानिक वाय वी झाला के मुताबिक बाघों की बढ़ती संख्या के साथ ही वह इनके अभयारण्य की क्षमता पर नजर रख रहे है। क्योंकि अब इनमें और तेजी से बढोत्तरी दिखेगी। यही वजह है कि अब उनका ध्यान नार्थ-ईस्ट हिल और ब्रह्मपुत्र के मैदानी क्षेत्रों के साथ मध्य भारत और पश्चिमी घाट के अभयारण्यों में इनकी संख्या को बढाने को लेकर है। इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।

गौरतलब है कि बाघों की गणना को लेकर सोमवार को आई रिपोर्ट के मुताबिक देश में मौजूदा समय में बाघों की संख्या 2967 हो गई है। यह 2006 के मुकाबले दोगुना से भी अधिक हो गई है। 2006 में देश में बाघों की कुल संख्या 1411 थी।

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