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पाकिस्तान से चल रहा ऑनलाइन ठगी का गिरोह, दो बदमाश मुंबई से गिरफ्तार

मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने दो ऐसे ठगों की गिरफ्तारी की है जो क्रेडिट कार्ड की डिटेल चुराकर ऑनलाइन शॉपिंग करते थे।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Tue, 17 Oct 2017 10:21 AM (IST)Updated: Tue, 17 Oct 2017 10:21 AM (IST)
पाकिस्तान से चल रहा ऑनलाइन ठगी का गिरोह, दो बदमाश मुंबई से गिरफ्तार
पाकिस्तान से चल रहा ऑनलाइन ठगी का गिरोह, दो बदमाश मुंबई से गिरफ्तार

नईदुनिया (इंदौर)। साइबर सेल ने मुंबई से ऐसे दो ठगों को गिरफ्तार किया है, जो ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड की डिटेल रूस की एक बेवसाइट से चुराकर विदेश की वेबसाइट पर लाखों की ऑनलाइन शॉपिंग करते थे। इस गिरोह का सरगना पाकिस्तान का ठग है। वह लाहौर में बैठकर गिरोह चलाता है।

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साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह के मुताबिक, 27 अगस्त को उज्जैन स्थित बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर जयकिशन सिंह केक्रेडिट कार्ड का उपयोग कर 72 हजार रुपये की ट्रांजेक्शन हुई थी। जांच में पता चला कि कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग करने के साथ एयर टिकट भी खरीदे गए। उसी के आधार पर मुंबई से दो आरोपी रामकुमार नादर और रामकुमार पिल्लई को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से 25 क्रेडिट व डेबिट कार्ड, मोबाइल फोन, लैपटॉप और आठ आधार कार्ड जब्त किए गए।

नादर ने गिरोह के फरार बदमाश गौरव सिंह निवासी जबलपुर का नाम बताया। नादर व पिल्लई मूलरूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं। नादर बीकॉम और एमबीए की पढ़ाई कर चुका है, जबकि पिल्लई नादर का दोस्त है। दोनों इंटरनेशनल ऑनलाइन ठगी के एक गिरोह से जुड़े हैं। साइबर सेल ने 13 कार्ड होल्डरों की सूची निकलवाई है, जिनके साथ ठगी हुई है। चार माह में 30 शिकायतें आई हैं।

बैंक मैनेजर के रुपये से नादर ने गर्लफ्रेंड को 66 हजार रुपये कीमत का सूट खरीदकर दिया था। उससे ब्रेकअप होने पर उसने शरीर पर ध्यान देना छोड़ दिया और उसका वजन 140 किलो हो गया।

ऐसे आया ठगी का आइडिया

नादर ने पढ़ाई के बाद मुंबई में एचडीएफसी बैंक में नौकरी की थी। यहां उसे पता चला कि किसी ग्राहक के डेबिट या क्रेडिट कार्ड से विदेश में रुपये निकल जाते हैं तो बैंक उसके रुपये 14 दिन में लौटा देता है। इस पर नादर ने अपने दोस्त के खाते में रुपये जमा कराए। फिर उसका क्रेडिट कार्ड किसी तीसरे दोस्त को देकर बैंकॉक भेज दिया। वहां से लौटने पर बैंक में जाकर दूसरे दोस्त के जरिये साबित कराया कि वह विदेश गया ही नहीं। इस केस में बैंक ने 46 हजार रुपये वापस कर दिए। उसके बाद वह दोस्त पिल्लई के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी करने लगा। दोनों पांच साल से ठगी कर रहे हैं।

बिट क्वाइन से होती थी पेमेंट

नादर को रूस की एफई नामक वेबसाइट पर भारतीय बैंक ग्राहकों के डेबिट व क्रेडिट कार्ड की डिटेल मिलती थी। हैकर उसे डिटेल उपलब्ध कराते थे। इसके बदले नादर 12 डॉलर तक देकर उसे खरीद लेता था। इसका पेमेंट बिट क्वाइन से होता था। ग्राहकों के कार्ड की डिटेल लेने के बाद ठग कुछ ऐसी बेवसाइट पर ऑनलाइन शॉपिंग करते थे, जिसमें ओटीपी नंबर की जरूरत नहीं पड़ती थी।

डार्कनेट वेबसाइट पर मिला पाकिस्तानी ठग

नादर के गिरोह का मास्टरमाइंड सरगना पाकिस्तान का शेख अफजल है, जो लाहौर से ऑनलाइन ठगी करता है। शेख से उसकी मुलाकात डार्कनेट बेवसाइट पर हुई थी। उसी ने ऑनलाइन ठगी के गुर सिखाए। नादर को कुछ समय तक शेख सस्ते दामों में विदेश की एयर टिकट उपलब्ध कराता रहा। बाद में शेख ने एक अकाउंट मुहैया कराया, जहां पर हैकर्स द्वारा हैक किए गए सैकड़ों क्रेडिट व डेबिट कार्ड की डिटेल मौजूद थी।

यह है डार्कनेट

एसपी ने बताया कि डार्कनेट वेबसाइट पर अवैध हथियार, देह व्यापार और ड्रग्स का धंधा फलता-फूलता है। इसे इस्तेमाल करने वाले अपराधी होते हैं। पहले सिल्करूट नाम से डार्कनेट की शुरुआत हुई थी। बाद में एफबीआइ ने इस पर पाबंदी लगवा दी।

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