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अब रतन टाटा ने उठाया असहिष्णुता का मुद्दा, बोले- अभिशाप है यह

दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने असहिष्णुता के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि हर कोई जानता है कि यह कहां से आ रही है।

By kishor joshiEdited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 08:42 AM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 01:45 PM (IST)
अब रतन टाटा ने उठाया असहिष्णुता का मुद्दा, बोले- अभिशाप है यह

ग्वालियर (पीटीआई)। मशहूर उद्योगपति और टाटा संस एमेरिटस के चेयरमैन रतन टाटा ने देश में कथित रूप से बढ़ रही असहिष्णुता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'असहिष्णुता एक अभिशाप है, जिसे हम पिछले कुछ दिनों से देख रहे हैं।'

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शुक्रवार देर रात ग्वालियर में एक कार्यक्रम के दौरान टाटा ने कहा, 'मैं सोचता हूं कि हर व्यक्ति जानता है कि असहिष्णुता कहां से आ रही है और यह क्या है। देश के हजारों-लाखों लोगों में से हर कोई असहिष्णुता से मुक्त देश चाहता है.'

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ग्वालियर में सिंधिया स्कूल के 119वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए टाटा ने कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के असहिष्णुता के बारे में व्यक्त किए गए विचार का समर्थन किया। उन्होंने कहा, 'महाराज (सिंधिया) ने असिष्णुता के बारे में अपने विचार रखे। यह एक अभिशाप है, जिसे हम आजकल देख रहे हैं।'

रतन टाटा ने कहा, 'हम ऐसा वातावरण चाहते हैं, जहां हम अपने साथियों से प्रेम करें। उन्हें मारे नहीं, उन्हें बंधक नहीं बनाएं, बल्कि आपस में आदान-प्रदान के साथ सद्भावनापूर्वक माहौल में रहें।' टाटा से पहले सिंधिया ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों से कहा, 'हम चाहते हैं कि आप विजेता बनें। हम यह भी चाहते हैं कि आप विचारक बनें। बहस, विचार-विमर्श और असहमति सभ्य समाज की पहचान होती है।'

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पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि देश में आज 'असहिष्णुता का वातावरण' है। कांग्रेस नेता ने कहा, 'हर व्यक्ति को यह बताया जा रहा है कि उसे क्या बोलना है, क्या सुनना है, क्या पहनना है और क्या खाना है।' उन्होंने कहा कि मतभेदों पर कार्रवाई हमारे समाज और परिवार की प्रगति के खिलाफ है।


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