'राज्य सरकार के दिव्यांग आवास में 49 बच्चे एक टूथब्रश करते हैं इस्तेमाल'
जस्टिस दत्तू ने ये भी कहा कि सरकार ऐसे घरों में जहां दिव्यांग बच्चे और बूढ़े रहते हैं वहां सुविधाएं बढ़ाने को लेकर संजीदा नहीं है।
नई दिल्ली। सरकारी सहायता से दिव्यांग बच्चों के लिए चलाए जाने वाले घर में 49 बच्चे सिर्फ एक ही टूथब्रश का इस्तेमाल करते हैं। ये तथ्य किसी संगठन ने नहीं बल्कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एच एल दत्तू ने सामने रखा है। जस्टिस दत्तू के मुताबिक दो साल पहले उन्होंने इस तरह का मंजर देखा था।
जस्टिस दत्तू ने अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि ये जरूरी नहीं है कि उन्होंने किस राज्य में और कहां 49 बच्चों को एक ही टूथब्रश करते हुए देखा, बल्कि ये बात सामने लाना ज्यादा जरूरी है कि देशभर में सरकार द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए चलाए जाने वाले ज्यादातर संस्थानों में कमोबेश यही स्थिति है जहां बच्चों के लिए सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है।
जस्टिस दत्तू ने ये भी कहा कि सरकार ऐसे घरों में जहां दिव्यांग बच्चे और बूढ़े रहते हैं वहां सुविधाएं बढ़ाने को लेकर संजीदा नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे लोगों के लिए और ज्यादा गंभीरता से कदम उठाते हुए उनके लिए बेहतर आवास और सुविधाओं की तरफ ध्यान देना चाहिए।
दिसंबर में भारत की सर्वोच्य अदालत से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद से रिटायर होने के बाद फरवरी में जस्टिस दत्तू को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का प्रमुख बनाया गया और तभी से वो बेंगलूरु में मौजूद एक वृद्धाश्रम में नियमित तौर पर जाते हैं और वहां बुजुर्गों का हौसला बढ़ाते हैं जो जीने की इच्छा खो चुके हैं।