Move to Jagran APP

मप्र में इस महीने से लागू हो सकती है वन नेशन-वन राशन कार्ड व्यवस्था

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में हितग्राहियों को पाइंट ऑफ सेल्स मशीन से यह सुविधा पहले ही दी जा चुकी है कि वे जिले की किसी भी दुकान से राशन ले सकते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 10:15 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 10:15 AM (IST)
मप्र में इस महीने से लागू हो सकती है वन नेशन-वन राशन कार्ड व्यवस्था
मप्र में इस महीने से लागू हो सकती है वन नेशन-वन राशन कार्ड व्यवस्था

भोपाल, राज्‍य ब्‍यूरो। मध्य प्रदेश में दिसंबर से वन नेशन-वन राशन कार्ड व्यवस्था लागू हो सकती है। इसके बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली के साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा हितग्राही किसी भी राशन दुकान से रियायत दर पर गेहूं, चावल और नमक ले सकते हैं। अन्य राज्यों में काम करने जाने पर उन्हें वहां भी यह सुविधा मिलेगी। इसके लिए प्रदेश में चार करोड़ से ज्यादा हितग्राहियों का आधार नंबर से पंजीयन हो चुका है। हर दिन लगभग एक लाख हितग्राहियों का पंजीयन किया जा रहा है। इसमें प्रवासी श्रमिकों को भी शामिल किया गया है।

loksabha election banner

चार करोड़ से ज्यादा हितग्राहियों का आधार नंबर से हुआ पंजीयन

प्रदेश में 25 हजार 490 राशन दुकानों के माध्यम से वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, एक करोड़ 11 लाख परिवार यानी पांच करोड़ छह लाख से ज्यादा हितग्राहियों को एक रुपये किलोग्राम के हिसाब से गेहूं और चावल मुहैया कराया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रदेश की कुल आबादी का 75 फीसद हिस्सा खाद्यान्न सुरक्षा के दायरे में आता है। हालांकि, यह संख्या इससे अधिक है। इसे लेकर प्रदेश सरकार लगातार केंद्र सरकार से कोटा बढ़ाने की मांग भी कर रही है।

दरअसल, कोटा तय होने की वजह से लगभग आठ लाख 82 हजार परिवार अभी भी रियायती दर पर राशन पाने से वंचित हैं। लॉकडाउन के दौरान इन परिवारों को प्रदेश सरकार ने अपनी ओर से तीन माह का राशन निशुल्क दिया था। अब सरकार ने तय किया है कि इन सभी परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना में इन्हें भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे का काम चल रहा है।

जानकारी सर्वर में दर्ज

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में हितग्राहियों को पाइंट ऑफ सेल्स मशीन के माध्यम से यह सुविधा पहले ही दी जा चुकी है कि वे जिले की किसी भी दुकान से राशन ले सकते हैं। धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जा रहा है। चार करोड़ से ज्यादा हितग्राहियों के आधार नंबर लिंक हो चुके हैं। इनकी पूरी जानकारी सर्वर में दर्ज है। जैसे ही पाइंट ऑफ सेल्स मशीन में इनका ब्योरा दर्ज किया जाएगा, पूरी जानकारी सामने आ जाएगी और राशन दे दिया जाएगा।

इसमें यह सुविधा भी दी गई कि हितग्राही चाहें तो दो या तीन बार में भी अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के संचालक तरण कुमार पिथौड़े का कहना है कि वन नेशन-वन राशन कार्ड को लेकर प्रदेश में तेजी से काम हो रहा है। अस्सी फीसद से ज्यादा हितग्राहियों के आधार नंबर लिए जा चुके हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.