One Nation One Ration Card: राशन कार्ड प्रिंटिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा, गिरोह का भंडाफोड़
फर्जी राशन कार्ड प्रिंट करने के नाम पर घोटाले का खुलासा हुआ है। इसमें लोगों को राशन कार्ड प्रिंट करने का ठेका देने के नाम पर वसूली हुई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 'वन नेशन वन राशन कार्ड' की देशव्यापी स्कीम में फर्जी राशन कार्ड प्रिंट करने के नाम पर घोटाले का खुलासा हुआ है। इसमें लोगों को राशन कार्ड प्रिंट करने का ठेका देने के नाम पर वसूली हुई है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में रांची के दो लोगों को राजधानी में ही गिरफ्तार किया है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस को जांच करते हुए 24 घंटे के भीतर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर दो प्रमुख अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के राज्यमंत्री दानवे रावसाहब दादाराव ने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इस बारे में विस्तार से बताया। उनके साथ दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी थे, जिन्होंने पुलिस कार्यवाही और अभियुक्तों की धर पकड़ के बारे में जानकारी दी। दानवे ने स्पष्ट किया कि वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में किसी भी तरह का कोई राशन कार्ड नहीं प्रिंट कराया जा रहा है। इसके बावजूद फर्जी तरीके से कुछ लोगों ने देशव्यापी ठगी करना शुरु कर दिया। उन्होंने बताया कि कार्ड प्रिंट कराने का ठेका देने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये वसूलने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने संसद में इस बारे में स्पष्ट किया है कि सरकार किसी तरह का कोई नया राशन कार्ड प्रिंट नहीं करा रही है। इसके बावजूद देश के विभिन्न हिस्सों से राशन कार्ड प्रिंटिंग का ठेका देने की शिकायतें मिल रही है। दानवे ने बताया कि अब तक कम से कम सौ लोगों ने इस तरह की शिकायत की है। ऐसे ठगों के पास फर्जी दस्तावेज, विजिटिंग कार्ड और कथित राशन कार्ड के नमूने देकर लोगों को फंसाते हैं। जबकि सरकार की नये कार्ड छपवाने की कोई योजना नहीं है।
दिल्ली पुलिस के डीएसपी ईश सिंघल ने गिरफ्तार अभियुक्तों के बारे में बताया कि प्रत्युश राणा पूरे मामले का मास्टर माइंड है। पांच सदस्यों में से दो पकड़ लिये गये हैं। ये सब झारखंड के रांची के रहने वाले हैं। जिलावार टेंडर देने के नाम पर वसूली कर रहे थे। महाराष्ट्र के रहने वाले भगवत साहबराव वेयाल ने खाद्य मंत्रालय को इसकी सूचना दी थी, जिसके आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरु की गई है।
महाराष्ट्र के राव को उनके एक मित्र संजय सालिग्राम कोचे ने बताया था कि मंत्रालय ने महाराष्ट्र में कार्ड प्रिंट करने का ठेका तीन कंपनियों को दिया है, जिसका खुदरा ठेका अन्य लोगों को दिया जाने वाला है। टेंडर दिलाने के लिए 10 लाख रुपये लिये गये थे, लेकिन बात बिगड़ते देख इसमें से 3.5 लाख रुपये वापस भी कर दिये गये हैं। अभियुक्तों को काफी होम से गिरफ्तार किया गया।