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जयललिता की मौत की जांच के लिए गठित एक सदस्‍यीय आयोग ने संभाला प्रभार

यह आयोग इस बात की जांच करेगा कि किन परिस्थितियों में 22 सितंबर 2016 को जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Sat, 28 Oct 2017 09:16 AM (IST)Updated: Sat, 28 Oct 2017 09:18 AM (IST)
जयललिता की मौत की जांच के लिए गठित एक सदस्‍यीय आयोग ने संभाला प्रभार
जयललिता की मौत की जांच के लिए गठित एक सदस्‍यीय आयोग ने संभाला प्रभार

चेन्नई, पीटीआई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय आयोग ने अपना प्रभार संभाल लिया है। जस्टिस ए. अरुमुघस्वामी ने शुक्रवार को अपना प्रभार ग्रहण कर लिया। राज्य सरकार ने 25 सितंबर को हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित करने की घोषणा की थी। यह आयोग तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

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इस बीच पिछले वर्ष एक उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र के साथ सौंपे जाने वाले दस्तावेज पर जयललिता के अंगूठे के निशान का सत्यापन करने वाले डॉक्टर बालाजी मद्रास हाई कोर्ट में शुक्रवार को पेश हुए। उन्होंने दो घंटे से भी ज्यादा समय तक गवाही दर्ज कराई। बयान दर्ज होने के बाद जस्टिस पी. वेलामुरुगन ने आगे की सुनवाई के लिए तीन नवंबर की तारीख तय कर दी।

यह आयोग इस बात की जांच करेगा कि किन परिस्थितियों में 22 सितंबर 2016 को जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चेन्नई के अपोलो अस्पताल में 75 दिनों तक भर्ती रहने के बाद पांच दिसंबर को उनका निधन हो गया था।

अन्नाद्रमुक के विद्रोही रहे नेता ओ. पन्नीरसेलवम ने मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के धड़े में विलय के लिए शर्त रखी थी। उन्होंने जांच आयोग गठित करने की मांग की थी। मांग स्वीकार कर लेने के बाद 21 अगस्त को विलय हुआ और पन्नीरसेलवम तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री बनाए गए।

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