हर चार में से एक भारतीय होता है ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार
ग्लोबल फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन कंपनी एक्सपीरियन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों पर आर्थिक धोखाधड़ी का खतरा 25 फीसद अधिक रहता है।
[जागरण स्पेशल]। ग्लोबल फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन कंपनी एक्सपीरियन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों पर आर्थिक धोखाधड़ी का खतरा 25 फीसद अधिक रहता है। एशिया-प्रशांत के दस देशों में किए गए सर्वे में सामने आया कि इस क्षेत्र में भारत में सबसे ज्यादा गलत डाटा शेयर किया जाता है। तेजी से बढ़ते ऑनलाइन लेन-देन में 24 फीसद भारतीयों के साथ धोखाधड़ी हुई है।
इन पर सबसे ज्यादा खतरा
इलेक्ट्रॉनिक्स और यात्री सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियां भले ही तेजी से अपने उपभोक्ताओं का डाटा एकत्र कर रही हैं और इससे मुनाफा भी कमा रही हैं, लेकिन ऑनलाइन धोखाधड़ी का सबसे ज्यादा खतरा भी इन्हीं पर मंडरा रहा है।
कम लोग रखते हैं डाटा सुरक्षित
देश के महज छह फीसद लोग ही अपने डाटा को सेवा प्रदाताओं से सुरक्षित रखते हैं। जापान में यह आंकड़ा आठ फीसद है, जो कि इस क्षेत्र में सर्वाधिक है।
दस देशों में हुआ अध्ययन
यह ऑनलाइन सर्वे एशिया-प्रशांत के दस देशों के बाजारों में किया गया। इसमें ऑस्ट्रेलिया, चीन, हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, जापान, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
बैंक पर करते हैं भरोसा
50 फीसद भारतीय बैंक को बड़ी आसानी से डाटा उपलब्ध करा देते हैं। सबसे कम 30 फीसद लोग ब्रांडेड रिटेलर्स के साथ अपना डाटा साझा करने में सुरक्षित महसूस करते हैं। 51 फीसद भारतीय बड़ी आसानी से अपना निजी डाटा विभिन्न सेवा प्रदाता कंपनियों को मुहैया करा देते हैं।