Move to Jagran APP

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, कोरोना से मौतों को पांच से सात गुना ज्यादा बताना तथ्यहीन

मंत्रालय ने कहा कि वैज्ञानिक डाटाबेस जैसे पबमेड रिसर्च गेट आदि में इंटरनेट पर इस अनुसंधान पत्र की तलाश की गई लेकिन यह नहीं मिला अध्ययन करने के तरीके की जानकारी भी पत्रिका द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 04:08 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 11:01 PM (IST)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, कोरोना से मौतों को पांच से सात गुना ज्यादा बताना तथ्यहीन
सरकार ने कहा, ऐसे दावे महामारी विज्ञान के सुबूतों के सामने कहीं नहीं टिकते

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत ने शनिवार को उस खबर का खंडन किया जिसमें दावा किया गया था कि देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से पांच से सात गुना तक अधिक है। सरकार ने कहा कि यह आकलन महामारी विज्ञान संबंधी सुबूतों के बिना महज कयासों पर आधारित है।

loksabha election banner

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर बिना नाम लिए लेख प्रकाशित करने के लिए प्रकाशक की निंदा की जिसमें दावा किया गया है कि 'भारत में कोरोना होने वाली मौतें आधिकारिक आंकड़ों से पांच से सात गुना अधिक है।'

लेख को काल्पनिक, आधारहीन और भ्रामक करार देते हुए मंत्रालय ने कहा कि यह अनुचित विश्लेषण महामारी विज्ञान के सुबूतों के बिना केवल आंकड़ों के आकलन पर आधारित है। पत्रिका में जिस अध्ययन का इस्तेमाल मौतों का अनुमान लगाने के लिए किया गया है वह किसी भी देश या क्षेत्र के मृत्युदर का पता लगाने के लिए वैध तरीका नहीं है।

वैज्ञानिक डाटाबेस में शोध पत्र उपलब्ध नहीं

मंत्रालय ने कहा कि वैज्ञानिक डाटाबेस जैसे पबमेड, रिसर्च गेट आदि में इंटरनेट पर इस अनुसंधान पत्र की तलाश की गई लेकिन यह नहीं मिला, अध्ययन करने के तरीके की जानकारी भी पत्रिका द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई। मंत्रालय ने कहा, 'एक और सुबूत दिया गया कि यह अध्ययन तेलंगाना में बीमा दावों के आधार पर किया गया। परंतु, इस तरह के अध्ययन को लेकर कोई वैज्ञानिक आंकड़ा मौजूद ही नहीं है।'

चुनाव विश्लेषण करने वाले समूहों के आंकड़े दिए

बयान में यह भी कहा गया है कि लेख में चुनाव विश्लेषण करने वाले समूहों 'प्राशनम' और 'सी वोटर' द्वारा किए गए दो अन्य अध्ययनों को हवाला दिया गया है। ये दोनों समूह चुनाव नतीजों का पूर्वानुमान और विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं। वे कभी भी जन स्वास्थ्य अनुसंधान से जुड़े नहीं हैं। यहां तक कि उनके अपने चुनाव विश्लेषण के क्षेत्र में नतीजों का पूर्वानुमान लगाने के लिए जिस पद्धति का इस्तेमाल होता है वे कई बार गलत साबित होते हैं।'

पत्रिका ने भी अनुमान को अस्पष्ट बताया है

मंत्रालय के बयान में कहा गया कि पत्रिका ने स्वयं स्वीकार किया है कि यह अनुमान अस्पष्ट और यहां तक अविश्वसनीय स्थानीय सरकार के आंकड़ों, कंपनी रिकार्ड के आकलन पर आधारित है और इस तरह का विश्लेषण मृत्युलेख जैसा है।

आंकड़ों का प्रबंधन पारदर्शी

मंत्रालय ने कहा कि सरकार कोविड आंकड़ों के प्रबंधन के मामले में पारदर्शी है। मौतों की संख्या में विसंगति से बचने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुंसधान परिषद (आइसीएमआर) ने मई, 2020 में दिशानिर्देश जारी किए थे। राज्य इसी के मुताबिक आंकड़े दर्ज करते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.