Move to Jagran APP

'काबुल के गुरुद्वारे करते परवान में तोड़फोड़ ने सिर्फ भारत की नहीं, दुनिया की चिंता बढ़ाई'

जम्मू और कश्मीर में हाल के आतंकवादी हमलों पर विदेश मंत्रालय की प्रेस काफ्रेंस में प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम ऐसे हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। हम सीमा पार आतंकवाद के बारे में चिंतित हैं और विभिन्न प्लेटफार्मों पर इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 06:31 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 11:12 PM (IST)
'काबुल के गुरुद्वारे करते परवान में तोड़फोड़ ने सिर्फ भारत की नहीं, दुनिया की चिंता बढ़ाई'
जम्मू और कश्मीर में हाल के आतंकवादी हमलों पर विदेश मंत्रालय की प्रेस काफ्रेंस में प्रवक्ता अरिंदम बागची

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के गुरुद्वारे में तोड़फोड़ ने न सिर्फ उसकी बल्कि पूरी दुनिया की चिंता बढ़ाई है। जरूरत इस बात की है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के मुताबिक अफगान समाज के विभिन्न वर्गो के अधिकारों की रक्षा करने पर जोर दे। रिपोर्टो के मुताबिक, संदिग्ध तालिबान आतंकियों ने दो दिन पहले काबुल में गुरुद्वारा करते परवान में तोड़फोड़ की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपनी नियमित मीडिया ब्रीफिंग में यह बात कही।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि 30 अगस्त को भारत की अध्यक्षता में स्वीकृत इस प्रस्ताव में अफगानिस्तान के प्रति विश्व समुदाय का सामूहिक दृष्टिकोण परिलक्षित होता है। इसमें मांग की गई है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए, साथ ही महिलाओं और अल्पसंख्यकों समेत अफगान समाज के सभी वर्गो के अधिकार सुनिश्चित होने चाहिए।

उन्होंने कहा कि इसमें अफगानिस्तान से अफगानियों और सभी विदेशी नागरिकों को सुरक्षित जाने देने की बात भी कही गई है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि राजनीतिक बातचीत के जरिये समावेशी राजनीतिक समाधान निकले। बागची ने अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दे पर अमेरिका की उप-विदेश मंत्री वेंडी शेरमन से बातचीत के बारे में मंगलवार को हुई चर्चा का जिक्र किया और कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि वहां से आतंकवाद का प्रसार नहीं हो।

भारत और अफगानिस्तान के बीच उड़ानों की बहाली पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मेरे पास हवाई यात्रा फिर से शुरू करने की कोई जानकारी नहीं है। यह काफी जटिल और संवेदनशील मामला है। इस मामले में कई कारक है जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

जम्मू और कश्मीर में हाल के आतंकवादी हमलों पर अरिंदम बागची ने कहा कि हम ऐसे हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। हम सीमा पार आतंकवाद के बारे में चिंतित हैं और विभिन्न प्लेटफार्मों पर इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।

भारत- चीन सीमा विवाद पर उन्होंने कहा कि हमारी अपेक्षा है कि चीन हमारे साथ मिलकर काम करेगा। बाकि इलाकों में भी डिसएंगेजमेंट आगे बढ़े। कुछ इलाकों में डिसएंगेजमेंट हो गया है और कुछ इलाकों में बाकी है। हम चाहते हैं कि चीन द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकाल को माने।

एस-400 के बारे में अमेरिका के साथ बातचीत जारी

बागची ने कहा कि रूसी एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी सौदे को लेकर अमेरिका के साथ बातचीत जारी है। यह बात ऐसे समय में कही गई है जब एक दिन पहले ही अमेरिकी उप-विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने इस खरीद पर असहजता प्रकट की थी। शेरमन ने कहा था कि एस-400 सौदे को लेकर संभावित प्रतिबंध के बारे में कोई भी फैसला राष्ट्रपति जो बाइडन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन लेंगे।

मालूम हो कि वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा था कि एस-400 का पहला बैच इस साल भारत पहुंच जाएगा। अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ पांच यूनिट एस-400 खरीदने के लिए पांच अरब डालर का सौदा किया था। यह सौदा ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बावजूद किया गया था।

भारत में करेंगी डेनमार्क की दो सौ कंपनियां निवेश

डेनमार्क के प्रधानमंत्री की यात्रा पर उन्होंने कहा कि एजेंडा में नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकियां, जल और अपशिष्ट प्रबंधन, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, डिजिटलीकरण, स्मार्ट शहर जैसे कुछ तत्व शामिल हो सकते हैं। यह यात्रा हरित रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करने और यह देखने का अवसर देगी कि हम आगे क्या कर सकते हैं। डेनमार्क की 200 कंपनियां हैं, जो भारत में निवेश कर रही हैं और 60 भारतीय कंपनियों ने डेनमार्क में निवेश किया है। हम किम डेवी के प्रत्यर्पण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमने इसे पहले भी उठाया है और इस मुद्दे पर डेनमार्क के साथ बातचीत कर रहे हैं। चर्चा चल रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.