CM मुफ्ती के पास आकाओं के आदेशों का पालन करने के अलावा कोई काम नहींः उमर
भारत-पाक के बीच 23 अगस्त को होने वाली NSA स्तर की बातचीत को लेकर जम्मू कश्मीर में कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन कुछ घंटों बाद ही सभी को रिहा कर दिया गया। इनमें यासीन मलिक भी शामिल था। यासीन की गिरफ्तारी का जम्मू-कश्मीर के पूर्व
श्रीनगर। भारत-पाक के बीच 23 अगस्त को होने वाली NSA स्तर की बातचीत को लेकर जम्मू कश्मीर में कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन कुछ घंटों बाद ही सभी को रिहा कर दिया गया। इनमें यासीन मलिक भी शामिल था। यासीन की गिरफ्तारी का जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विरोध किया।
उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर का सहारा लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। अब्दुल्ला ने लगातार ट्वीट किए हैं जिनमें उन्होंने लिखा है कि, 'गोलीबारी, घुसपैठ, आतंक और अब हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी, साफ है कि कोई भी पक्ष बात नहीं करना चाहता साथ दोनों में से किसी में इसे बंद करने की हिम्मत भी नहीं है।'
राज्य के मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि, 'मुफ्ती सईद को मांग पर गिरफ्तारी पर शर्म आनी चाहिए। उनके पास अपने आकाओं के आदेशों का पालन करने के अलावा कोई काम नहीं है और उन्होंने हुर्रियत नेताओं को इस तरह गिरफ्तार करवाया।
अपने अगले ट्वीट में उमर ने लिखा, 'मैंने कभी इस तरह की भारत-पाक वार्ता नहीं देखी जिसमें दोनों ही पक्ष इसे बेकार करने में जुटे हैं। भारत और पाकिस्तान वार्ता बंद करने के लिए एक दूसरे को कारण देने की प्रतियोगिता कर रहे हैं।' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि, अगर केंद्र सरकार हुर्रियत नेताओं की सरताज अजीज से मुलाकात को लेकर इतना चिंतित था तो उसने खुद हुर्रियत नेताओं को हिरासत में लेने के आदेश देना चाहिए था।'
उन्होंने आगे लिखा है, 'जम्मू-कश्मीर सरकार ने पूर्व में कभी पाकिस्तान उच्चायुक्त से मिलने से रोकने के लिए ऑल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं को गिरफ्तार नहीं किया।'