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ओम बिरला पी-20 शिखर सम्मेलन में हुए शामिल, कहा- भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन किया

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत ने सदैव नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन किया है। इसी भावना से भारत ने वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए बहुपक्षवाद को अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने पी 20 सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में यह बात कही।

By AgencyEdited By: Amit SinghPublished: Fri, 07 Oct 2022 04:30 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 04:30 AM (IST)
ओम बिरला पी-20 शिखर सम्मेलन में हुए शामिल, कहा- भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन किया
भारत ने हमेशा किया अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन

नई दिल्ली, प्रेट्र: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत ने सदैव नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन किया है। इसी भावना से भारत ने वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए बहुपक्षवाद को अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के 8वें शिखर सम्मेलन (पी 20) के दौरान अपने संबोधन में यह बात कही।

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लोकतांत्रिक संस्थाओं के साथ जनता का जुड़ाव बढ़ा

इस दौरान बिरला ने कहा कि बदलते परिप्रेक्ष्य में प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोकतांत्रिक संस्थाओं के साथ जनता का जुड़ाव और अधिक बढ़ा है। हमारा लक्ष्य है कि मौजूदा पीढ़ी को संसद से जोड़ा जाए। इसीलिए, युवाओं की संसद में सक्रिय भागीदारी के लिए संसद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 75 वर्षों के इस गौरवशाली यात्रा के दौरान हमारा लोकतंत्र और अधिक सशक्त और जीवंत हुआ है। हमारी संसद जनता के समावेशी, सामाजिक, आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करने का निरंतर प्रयास कर रही है। बिरला ने जकार्ता में फुटबाल मैच के दौरान हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया।

अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता के कारण विश्व के समक्ष खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता के कारण विश्व के समक्ष खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट खड़ा हो गया है। विकासशील देशों के लिए खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संबंधी चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भारतीय संसदीय दल का नेतृत्व किया।

रूस-यूक्रेन संकट का आपसी बातचीत से हो समाधान

बिरला ने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट ने भी खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को प्रभावित किया है। उन्होंने दोहराया कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि विश्व के समावेशी विकास के लिए इस संघर्ष का आपसी बातचीत और राजनीतिक माध्यम से समाधान होना चाहिए।                               


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