मध्यप्रदेश: हनी ट्रैप मामले में नाम सामने आने पर अफसरों पर गिरी गाज
मध्य प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों के विशेष सहायक के नाम हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी के मामले के चालान में आने के बाद सरकार ने उन्हें मंत्री स्टाफ से हटा दिया।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों के विशेष सहायक के नाम हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी के मामले के चालान में आने के बाद सरकार ने उन्हें मंत्री स्टाफ से हटा दिया। खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के पास अरण निगम और खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के पास हरीश खरे पदस्थ थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने दोनों विशेष सहायक को हटाकर उनकी सेवाएं मूल विभाग को वापस लौटा दीं। यह जानकारी हमारे सहयोगी अखबार नई दुनिया ने दी है।
जांच में दो अफसरों के नाम सामने आए
एसआइटी (विशेष जांच दल) द्वारा की जा रही हनी ट्रैप मामले की जांच में मानव तस्करी से जुड़े प्रकरण में पिछले दिनों हरीश खरे और अरण निगम के नाम सामने आए थे। चालान में मोनिका यादव के बयानों में कहा गया था कि दोनों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर मुलाकात की थी। यह राजफाश होने के बाद खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल से विशेष सहायक को हटाने को लेकर बात की थी। उन्होंने लिखित में देने के लिए कहा था।
तोमर का पत्र मंत्रालय पहुंचने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने खरे की सेवाएं मूल विभाग महिला एवं बाल विकास विभाग को लौटा दीं। इसी तरह खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के अनुरोध पर आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक संचालक अरण निगम की सेवाएं लौटा दी गई।
सीएम ने पुराने स्टाफ को हटाने के लिए कहा था
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को मंत्रियों के साथ अनौपचारिक कैबिनेट में चर्चा करते हुए सभी मंत्रियों को भाजपा शासनकाल में मंत्रियों के यहां पदस्थ रहे स्टाफ को हटाने के लिए कहा है। बताया जा रहा है अगले एक सप्ताह में कुछ और मंत्रियों के यहां से भाजपा सरकार में मंत्री स्टाफ में पदस्थ रहे कुछ अधिकारियों की छुट्टी हो सकती है।