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आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने सेना के दावों को नकारा, कहा- हथियारों के खराब रखरखाव से हो रहीं दुर्घटनाएं

आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने भारतीय सेना के उस दावे को गलत बताया है कि जिसमें कहा गया है कि दोषपूर्ण हथियारों की वजह से सैनिक हताहत हो रहे हैं। आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने कहा है कि दुर्घटनाओं की वजह तोपों का खराब रखरखाव भी हो सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 06:02 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 06:02 AM (IST)
आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने सेना के दावों को नकारा, कहा- हथियारों के खराब रखरखाव से हो रहीं दुर्घटनाएं
OFB ने कहा है कि दुर्घटनाओं की वजह तोपों का खराब रखरखाव भी हो सकता है।

नई दिल्ली, आइएएनएस। आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (Ordnance Factory Board, OFB) ने भारतीय सेना (Indian Army) के उस दावे को गलत बताया है कि जिसमें कहा गया है कि दोषपूर्ण हथियारों की वजह से सैनिक घायल हो रहे हैं और उनकी मौत भी हो रही है। आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने कहा है कि दुर्घटनाओं की वजह तोपों का खराब रखरखाव भी हो सकता है। यही नहीं फायरिंग का दोषपूर्ण अभ्यास और हथियार की डिजायन में अमान्य बदलाव भी इसकी वजह हो सकते हैं।

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दरअसल, भारतीय सेना के सूत्रों का कहना था कि साल 2014 से 2020 के बीच में आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (Ordnance Factory Board, OFB) के हथियारों की वजह से 403 दुर्घटनाएं हुईं। इन हादसों की वजह से सरकारी खजाने को 960 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ। सूत्रों का कहना था कि यह रकम इतनी ज्‍यादा है कि इससे सौ आर्टिलरी गन खरीदी जा सकती थीं। इन दुर्घटनाओं में 27 कर्मियों की जान चली गई।

उक्‍त रिपोर्टों के आने के बाद सेना के दावे पर सवाल उठाते हुए आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (Ordnance Factory Board, OFB) ने कहा कि यदि यही तर्क कारगिल युद्ध के समय 522.44 करोड़ रुपये से आयात किए गए दोषपूर्ण क्रास्नोपोल गोला बारूद (Krasnopol ammunition) पर लागू किया जाए तो इससे 55 और आर्टिलरी गन खरीदी जा सकती थीं। ओएफबी ने कहा कि जनवरी 2015 से दिसंबर 2019 के बीच हुई दुर्घटनाओं में खामियों की जांच पूरी की जा चुकी है।

ओएफबी का कहना है कि जांच के मुताबिक, केवल 19 फीसद दुर्घटनाएं खामियों की वजह से हुईं। खामियों की जांच अथॉरिटी होल्डिंग सील्ड पर्टिकुलर्स (एएचएसपी) की अध्यक्षता वाली समिति ने की जो निर्माण संबंधी दस्तावेजों की कस्टोडियन भी है। समिति में यूजर समेत सभी पक्षों के प्रतिनिधि शामिल हैं। ओएफबी का कहना है कि जिन दुर्घटनाओं में खामियों की जांच पूरी की जा चुकी है और जिनमें किसी की मौत हुई है, उनमें से केवल दो फीसद ही ओएफबी से जुड़ी हैं।  


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