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पुलवामा हमले के बाद बयान देना प्रोफेसर को पड़ा भारी, नौकरी से धोना पड़ा हाथ

असिस्‍टेंट प्रोफेसर मधुमिता के खिलाफ काफी लोगों ने शिकायत की थी। लोगों का कहना था कि प्रोफेसर ने राष्‍ट्र विरोधी बयान दिया है ऐसे में उन्‍हें पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 03:45 PM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 07:23 PM (IST)
पुलवामा हमले के बाद बयान देना प्रोफेसर को पड़ा भारी, नौकरी से धोना पड़ा हाथ
पुलवामा हमले के बाद बयान देना प्रोफेसर को पड़ा भारी, नौकरी से धोना पड़ा हाथ

भुवनेश्‍वर, जेएनएन। पुलवामा आतंकी हमले के बाद लगभग सभी दोषियों को सबक सिखाने की मांग कर रहे थे। जैश-ए-मुहम्‍मद को मुंह तोड़ जवाब देने की मांग हो रही थी। ऐसे में प्रोफेसर मधुमिता राय ने टीवी पर एक चर्चा के दौरान ये बयान दिया कि भारत को पाकिस्‍तान के खिलाफ जंग नहीं छेड़नी चाहिए। इस बयान को लेकर प्रोफेसर मुधमिता को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। युनिवर्सिटी ने उनसे तुरंत इस्‍तीफे की मांग लिया।

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मधुमिता कलिंग इंस्‍टीट्यूटी ऑफ इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग में असिस्‍टेंस प्रोफेसर थी। पिछले दिनों वह पुलवामा आतंकी हमले के बाद ओडिसा के एक टीवी चैनल पर चर्चा में शामिल हुई थीं। इस दौरान उन्‍होंने कहा था कि भारत को पाकिस्‍तान से युद्ध नहीं करना चाहिए। युनिवर्सिटी ने प्रोफेसर के इस बयान को राष्‍ट्र विरोधी मानते हुए उनसे इस्‍तीफा मांग लिया। उनसे 24 घंटे के भीतर युनिवर्सिटी छोड़ने के लिए कह दिया गया।

इधर, युनिवर्सिटी के प्रवक्‍ता ने बताया कि असिस्‍टेंट प्रोफेसर मधुमिता के खिलाफ काफी लोगों ने शिकायत की थी। लोगों का कहना था कि प्रोफेसर ने राष्‍ट्र विरोधी बयान दिया है, ऐसे में उन्‍हें पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। वह भारतीय सेना का मनोबल गिराने का काम कर रही हैं। मधुमिता ने बताया कि उन्‍हें अनुशासन समिति ने बुलाया और 24 घंटे के अंदर पद छोड़ने का निर्देश दिया। नियमों के अनुसार उन्‍हें एक महीने का नोटिस दिया जाना चाहिए था, लेकिन युनिवर्सिटी ने इस नियम का पालन नहीं किया।

प्रोफेसर का कहना है कि उन्‍होंने टीवी चैनल पर बहस के दौरान कोई भी राष्‍ट्र विरोधी बयान नहीं दिया है। उन्‍होंने कहा, 'मैंने सिर्फ इतना कहा था कि युद्ध किसी भी समस्‍या का हल नहीं है। हमें बातचीत के जरिए ही समस्‍याओं को सुलझाने की ओर कदम बढ़ाने चाहिए। बता दें कि मधुमिता के साथ इस बहस में रिटायर्ड कर्नल पूर्णचंद्र पटनायक भी थे। उन्‍होंने भी बहस के दौरान युद्ध का विरोध किया था।

गौरतलब है कि Pulwama Terror Attack के बाद भारत ने पाकिस्तान में Surgical Strike2 की है। भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में घुसकर Air Strikes की। वायुसेना ने 12 मिराज 2000 विमानों ने पाकिस्तान में आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर दिया। विदेश सचिव विजय गोखले ने मंगलवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वायुसेना के इस पराक्रम की पुष्टि की है। विदेश सचिव ने बताया कि 14 फरवरी को जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) में 40 जवान शहीद हो गए थे। उन्होंने बताया कि इंटेलिजेंस के मुताबिक जैश-ए-मुहम्मद भारत पर और भी फिदायीन हमले की तैयारी कर रहा था। इन हमलों को रोकने के लिए भारत ने मंगलवार तड़के हवाई हमला किया। इस हमले में बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद का सबसे बड़े कैम्प को तबाह कर दिया।


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