नुस्ली ने दाखिल किया टाटा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा
वाडिया ने इन पर साख खराब करने और उनके खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत दस्तावेज फैलाने का आरोप लगाया है।
मुंबई, प्रेट्र : साइरस मिस्त्री के बाद उद्योगपति नुस्ली वाडिया ने भी टाटा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस, उसके अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा और कुछ डायरेक्टरों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है। वाडिया ने इन पर साख खराब करने और उनके खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत दस्तावेज फैलाने का आरोप लगाया है।
नुस्ली ने दावा किया है कि समूह की तीन कंपनियों के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक पद से हटाने के लिए टाटा संस की ओर से लाए गए प्रस्ताव से उनकी प्रतिष्ठा और साख को गहरा धक्का लगा है। इन कंपनियों में टाटा केमिकल्स, टाटा मोटर्स और टाटा स्टील शामिल हैं। नुस्ली पर टाटा समूह के चेयरमैन पद से बर्खास्त किए जा चुके साइरस मिस्त्री का पक्ष लेने का आरोप है। मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से 24 अक्टूबर को अचानक बर्खास्त कर दिया गया था।
मिस्त्री बनाम टाटा: लॉ ट्रिब्यूनल ने कहा कि देश की साख खतरे में
वाडिया का कहना है कि समूह की होल्डिंग कंपनी की ओर से उठाए गए कदम से कई अन्य कंपनियों में भी बतौर स्वतंत्र निदेशक उनकी छवि प्रभावित हुई है। नुस्ली ने यहां एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में मुकदमा दायर किया है।
बताया जाता है कि वाडिया पहले बांबे हाई कोर्ट में भी मानहानि का मुकदमा ले जा चुके हैं। इसमें उन्होंने बतौर हर्जाना 3000 करोड़ रुपये की मांग की थी। फिलहाल ये पता नहीं चल सका है कि इस मामले में क्या हुआ और क्यों एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष केस फाइल किया गया है।
बीते दो दिनों में टाटा स्टील और टाटा मोटर्स की असाधारण आम बैठकों (ईजीएम) में वाडिया को बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। टाटा केमिकल्स की बुधवार को हुई बैठक का नतीजा आना बाकी है।
मुकदमे में रतन टाटा के अलावा होल्डिंग कंपनी के डायरेक्टर अजय पीरामल, अमित रणबीर चंद्र, इशात हुसैन, नितिन नोहरिया, विजय सिंह, वेणु श्रीनिवास, राफ स्पेथ, एन चंद्रशेखरन और आर सेन को पार्टी बनाया गया है। टाटा संस के कंपनी सेक्रेटरी और सीओओ एफएन सुबेदार का नाम भी इनमें शामिल है।