भारत में तेज हो रही है कोरोना मरीजों की फ्रीक्वेंसी , डरा रहे हैं लगातार बढ़ते आंकड़े
कोरोना के मामलों की दर भारत में बढ़ती दिखाई दे रही है। पहले जहां सात दिनों में 10 हजार मामले सामने आए थे वहीं अब छह दिनों में 12 हजार मामले सामने आए हैं।
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इसकी एक सबसे बड़ी वजह कहीं न कहीं हमारी अपनी लापरवाही भी है। लॉकडाउन के 41वें दिन के साथ ही इसका तीसरा चरण भी शुरू हो चुका है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए गए उपायों की बदौलत कुछ जिले जहां फिलहाल कोरोना मुक्त हैं तो कुछ रेड से ओरेंज और कुछ ओरेंज से ग्रीन में भी आ चुके हैं। ये एक अच्छी खबर है, लेकिन बढ़ते मामले हर किसी के लिए चिंता का सबब बनते जा रहे हैं। बीते छह दिनों में देश के अंदर 12 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं।
पूरी दुनिया में जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 3567001 पहुंच गई और 248313 मरीजों की मौत हो चुकी है वहीं भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय 42533 मामले अब तक सामने आए हैं जबकि 1373 मरीजों की मौत अब तक इस जानलेवा वायरस की वजह से हो चुकी है। देशभर के विभिन्न अस्पतालों में 29453 मरीजों का इलाज चल रहा है और अब तक 11706 मरीज ठीक भी हुए हैं। भारत में मरीजों के ठीक होने की दर 26 फीसद से अधिक है जो राहत की बात है। ये आंकड़ा दुनिया के दूसरे देशों की अपेक्षा काफी बेहतर है।
भारत में मरीजों की रफ्तार पर यदि नजर डालें तो पता चलता है कि आपको बता दें कि यहां पर कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को सामने आया था जब एक भारतीय छात्र वुहान से लौटा था। 44 दिनों में इनकी संख्या बढ़कर 100 हो गई थी। 73 दिन बाद ये संख्या 1000 के पार हो गई थी। 89 दिनों के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों का ये आंकड़ा 10 हजार के पार जा पहुंचा था। 97 दिन बाद देशभर में 10 हजार कोरोना मरीज और बढ़ गए और इनकी संख्या बढ़कर 27892 हो चुकी थी।
98 दिनों के बाद मरीजों का ये आंकड़ा 30 हजार के पार पहुंच गया था। वहीं अब पहला मामला सामने आने के 104 दिन बाद इनका आंकड़ा 42 हजार के पार चला गया है। आंकड़ों के मुताबिक इस बार महज छह दिनों में ही 12 हजार मरीज देश में सामने आए हैं। जबकि इससे भी पहले दस हजार मामले सामने आने में करीब 7 दिन लगे थे। इससे भी पहले दस हजार का आंकड़ा छूने में सात ही दिन लगे थे। इस हिसाब से वर्तमान में कोरोना वायरस के मरीजों में अधिक तेजी देखने को मिली है।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात के लिए पहले ही दुनिया को चेता चुका है कि ये वायरस भविष्य में भी जिंदा रहेगा। संगठन ये भी कह चुका है कि इस वायरस की कारगर वैक्सीन के न बनने तक लॉकडाउन में ढील देना नुकसानदायक हो सकता है। यहां पर ये भी बता दें कि कुछ जगहों पर लॉकडाउन में सशर्त ढील देकर लोगों को राहत दी गई है। इसमें भारत भी शामिल है।
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