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राष्ट्रीय कार्यबल ने की कोरोना प्रबंधन पर केंद्र सरकार की 'कड़ी मेनहत और प्रयास' की प्रशंसा

समिति ने कहा है कि केंद्र ने लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की उपलब्धता और उसकी भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाए। राज्यों को भी पीएसए आक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए मदद की जिनमें से कई इस महीने के अंत तक शुरू भी जाएंगे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 08:02 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 08:02 AM (IST)
राष्ट्रीय कार्यबल ने की कोरोना प्रबंधन पर केंद्र सरकार की 'कड़ी मेनहत और प्रयास' की प्रशंसा
एनटीएफ की तरफ से की गई सिफारिशों में से ज्यादातर पर पहले से ही शुरू हो चुका है काम

नई दिल्ली, प्रेट्र। चिकित्सा जगत के जाने माने विशेषज्ञों वाले राष्ट्रीय कार्यबल (एनटीएफ) ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार की 'कड़ी मेहनत और प्रयास' की सराहना की है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने यह भी कहा है कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान आक्सीजन की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र ने सक्रिय कदम उठाए, जिसका दूसरी लहर में फायदा मिला।

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शीर्ष अदालत में दाखिल अपनी रिपोर्ट में एनटीएफ ने कहा है कि उसके सदस्यों ने इतनी भीषण महामारी से निपटने में केंद्र सरकार के कठोर परिश्रम और प्रयास की सराहना की है। सदस्यों ने केंद्र सरकार की इस बात के लिए तारीफ की है, उनकी तरफ से जो सिफारिशें की गई हैं, उनमें से ज्यादातर पर पहले ही काम शुरू हो चुका है।

समिति ने कहा है कि केंद्र ने लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की उपलब्धता और उसकी भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाए। राज्यों को भी पीएसए आक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए मदद की, जिनमें से कई इस महीने के अंत तक शुरू भी जाएंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) एक आक्सीजन मांग एकत्रीकरण प्रणाली (ओडीएएस) विकसित कर रहा है। इससे राज्य स्तर पर अस्पताल में बिस्तरों और भर्ती मरीजों के आधार पर आक्सीजन की मांग का पता चल सकेगा।

समिति ने यह भी कहा कि महामारी की पहली लहर के दौरान केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से ही इस साल अप्रैल में दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाया जा सका। दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन के तीसरे हफ्ते में रोजाना औसतन 5500 मीट्रिक टन की मांग थी जो चौथे हफ्ते में बढ़कर 7100 मीट्रिक टन तक पहुंच गई थी। नौ मई को तो आक्सीजन की मांग सबसे ज्यादा 8943 मीट्रिक टन तक पहुंच गई।

औद्योगिक गैस उत्पादकों को दिए गए लाइसेंस

मेडिकल आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए केंद्र ने औद्योगिक गैस उत्पादकों को लाइसेंस जारी किए गए। मोदीनगर और पुणे में नए आक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाए गए। देश के इस्पात कारखानों में उपलब्ध आक्सीजन का इस्तेमाल भी मेडिकल आक्सीजन के रूप में किया गया। मेडिकल सिलेंडर के रूप में औद्योगिक आक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई।


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