एनएसजी नहीं लेगा और वीवीआइपी की सुरक्षा जिम्मेदारी
देश में सर्वाधिक खतरे वाले अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड [एनएसजी] संभालता है। इस उत्कृष्ट अर्धसैनिक बल ने अब किसी और को ब्लैक कैट कमांडो की सुरक्षा नहीं मुहैया कराने का निर्णय लिया है। इस विशेष बल ने यह फैसला मौजूदा समय में जिन वीवीआइपीज को वह सुरक्षा मुहैया करा रह
नई दिल्ली। देश में सर्वाधिक खतरे वाले अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड [एनएसजी] संभालता है। इस उत्कृष्ट अर्धसैनिक बल ने अब किसी और को ब्लैक कैट कमांडो की सुरक्षा नहीं मुहैया कराने का निर्णय लिया है।
विशेष बल ने यह फैसला मौजूदा समय में जिन वीवीआइपीज को वह सुरक्षा मुहैया करा रहा है उसे पक्का और विश्वसनीय बनाना सुनिश्चित करने के लिए किया है। अभी यह सुरक्षा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और कई मुख्यमंत्रियों को मिली हुई है।
एनएसजी के महानिदेशक जेएन चौधरी ने कहा, 'हम और लोगों की सुरक्षा का इंतजाम अपनी व्यवस्था के तहत नहीं कर पाएंगे। हम सर्वाधिक जोखिम वाले वीवीआइपीज की रक्षा करते हैं। हमारा मानना है कि मौजूदा क्षमता के तहत किसी और को ऐसी सुरक्षा के तहत लेने में सक्षम नहीं होंगे। फिलहाल देश के 15 अति विशिष्ट लोगों को एनएसजी की सुरक्षा मिली हुई है। इसके लिए कमांडो को बेहतरीन प्रशिक्षण और आराम की जरूरत होती है। इसके बाद ही वह महिला या पुरुष कमांडो अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तुलना में अधिक चौकस एवं सबसे अच्छी सुरक्षा दे पाएगा। उन्होंने कहा कि वीआइपी सुरक्षा के लिए हमें आदेश नहीं है लेकिन हम यह कर रहे हैं क्योंकि इसकी जरूरत थी और गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया था। हम विशेष बल हैं और हमारी मजबूती हमारा ठोस होना है। चौधरी ने कहा कि विशेष बल के रूप में एनएसजी अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता को वर्ष 2008 में मुंबई आतंकी हमले में आतंकियों का सफाया करके दिखा चुका है। अब यह बल वीवीआइपी सुरक्षा के दायरे को बढ़ाना नहीं चाहता।