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इस छोटे से गांव में तैयार हो रहे जवान से लेकर एनएसजी कमांडो तक

जितेंद्र सिंह युवाओं को केवल शारीरिक प्रशिक्षण ही नहीं दे रहे, बल्कि उन्हें लिखित परीक्षाओं के लिए भी तैयार कर रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 10:02 AM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 10:03 AM (IST)
इस छोटे से गांव में तैयार हो रहे जवान से लेकर एनएसजी कमांडो तक
इस छोटे से गांव में तैयार हो रहे जवान से लेकर एनएसजी कमांडो तक

अवधेश चौहान, जम्मू। कद पांच फुट चार इंच। शरीर मजबूत। हाथ में छड़ी और हौसला बुलंद। इसके एक इशारे पर सरहद के नजदीक कच्ची सड़क पर सैकड़ों युवा तड़के कड़ाके की ठंड में भी दौड़ लगाते और कड़ा अभ्यास कर पसीना बहाते दिख जाते हैं। अनुशासन ऐसा जैसा सेना के किसी ट्रेनिंग कैंप में हो। यह कोई मेजर, कर्नल या ब्रिगेडियर नहीं, बल्कि सीमांत गांव का एक स्थानीय युवक जितेंद्र सिंह चाढ़क है, जो सरहद के आसपास रहने वाले युवाओं को सेना और अन्य सुरक्षाबलों में भर्ती होने के लिए शारीरिक दमखम बढ़ाने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण देता है।

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भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जम्मू जिले की बिश्नाह तहसील के छोटे से गांव नौग्रां के जितेंद्र से प्रशिक्षण ले चुके युवा भारतीय सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह उनके कठोर परिश्रम का ही नतीजा है कि उनके द्वारा प्रशिक्षित चार युवक एनएसजी में बतौर कमांडो तैनात हैं। एक छात्र राजेश शर्मा सेना में हवलदार के पद पर रहते हुए अंतरराष्ट्रीय शूटिंग पिस्टल का खिलाड़ी है।

छोटे कद से खुद सेना में नहीं जा सके तो बना लिया जुनून
सीमांत गांव में जितेंद्र सिंह को अधिकतर युवा सोना चाचू के नाम से जानते हैं। युवा प्रशिक्षण शुरू करने से पहले और बाद में उनके पांव छूकर उन्हें सम्मान देते हैं। सोना चाचू की कहानी भी बेहद रोचक है। उनमें युवाओं को प्रशिक्षण देने का जुनून अपने छोटे कद की वजह से ही आया। चाचू कहते हैं कि उन्हें जिंदगी में एक ही मलाल है कि वह छोटे कद के कारण भारतीय सेना में भर्ती नहीं हो पाए। अपने जज्बे को जिंदा रखने के लिए उन्होंने वर्ष 2014 में गांव की एक सड़क पर मिट्टी डलवाकर समतल किया और फिर युवा आते गए और कारवां बनता गया। आज उनके पास 450 युवा सुबह शाम प्रशिक्षण ले रहे हैं। खुद पेशे से खेती- बाड़ी करने वाले सोना चाचू युवाओं की हर प्रकार से मदद भी करते हैं।

लिखित परीक्षा के लिए भी करवा रहे तैयारी
जितेंद्र सिंह युवाओं को केवल शारीरिक प्रशिक्षण ही नहीं दे रहे, बल्कि उन्हें लिखित परीक्षाओं के लिए भी तैयार कर रहे हैं। इसमें उनका साथ दे रहे हैं गांव के ही युवा सुरजीत वर्मा, जो खुद भी कश्मीर प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहे हैं।

उनके प्रशिक्षण के बलबूते जम्मू कश्मीर पुलिस में हाल ही में सब इंस्पेक्टरों की भर्ती से पहले लिए गए 40 युवाओं ने दौड़, लांग जंप, हाई जंप, सौ मीटर और 15 सौ मीटर दौड़ को पास कर लिया। अब साक्षात्कार प्रक्रिया चल रही है। कश्मीर के कई युवाओं ने भी इस बार उनसे शारीरिक प्रशिक्षण देने के लिए आग्रह किया है।

युवाओं से नशा भी छुड़वा रहे
जितेंद्र सिंह कई युवाओं को नशे से भी छुटकारा दिला चुके हैं। जितेंद्र ऐसे युवाओं की काउंसलिंग करने के साथ सेना में भर्ती होने के लिए उनका मनोबल भी बढ़ाते हैं। उनके सिखाए करीब बीस युवा नशा छोड़ सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जितेंद्र युवाओं को फास्ट फूड खाने से मना करने के साथ दूध, दही, फल और घी खाने के लिए प्रेरित करते हैं।

सरहद के पास रहने वाले युवाओं की परवरिश पाक गोलाबारी की गंध के बीच हुई है। हमने कइयों को अपनी नजरों के सामने दम तोड़ते देखा है। इससे हमारे युवाओं में सेना में भर्ती होकर दुश्मन से बदला लेने का जोश हिलोरे मारता है। ऐसे में सीमांत युवाओं को केवल दिशा देने की जरूरत है।
- जितेंद्र सिंह उर्फ सोना चाचू


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