कैद बेटे को पाने के लिए मां ने लगाई गुहार
नॉर्वे में बच्चों को भारतीय मा-बाप से दूर देखभाल गृह में रखे जाने के मामले की तरह ही स्वीडन में भी एक ऐसा मामला सामने आया है। स्वीडन की एक अप्रवासी भारतीय महिला ने दावा किया है कि लापरवाही के आरोप में उनके बेटे को देखभाल गृह में रखा गया है। महिला ने इस मामले में भारतीय अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई है।
कोलकाता। नॉर्वे में बच्चों को भारतीय मा-बाप से दूर देखभाल गृह में रखे जाने के मामले की तरह ही स्वीडन में भी एक ऐसा मामला सामने आया है। स्वीडन की एक अप्रवासी भारतीय महिला ने दावा किया है कि लापरवाही के आरोप में उनके बेटे को देखभाल गृह में रखा गया है। महिला ने इस मामले में भारतीय अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई है।
नॉर्वे की एक सिविल अदालत की ओर से ऐश्वर्य और अभिज्ञान नाम के बच्चों को छोड़े जाने और चाचा के साथ उनकी भारत वापसी के मामले से प्रेरित एनआरआई मा एनी जोहानसन ने अपने 11 वर्षीय बेटे डोमिनिक को स्वीडिश अधिकारियों से रिहा कराए जाने के लिए अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य से भी मदद मागी है।
कोलकाता के गैर-सरकारी संगठन इंडियाज स्माइल ने बताया कि जोहानसन का बेटा स्वीडन के गॉटलैंड नगरपालिका सामाजिक कल्याण समिति के कब्जे में है।
इंडियाज स्माइल के सचिव ट्रस्टी राजीव सरकार ने कहा कि जोहानसन ने स्वीडन के विजबाई से गैर-सरकारी संगठन से संपर्क साधा है। गैर-सरकारी संगठन ने कहा कि गॉटलैंड नगरपालिका सामाजिक कल्याण समिति ने 2009 में उनके बेटे को कथित तौर पर कब्जे में ले लिया था। इस आधार पर उसे एक आपातकालीन देखभाल गृह में रख दिया कि मात-पिता बच्चे की सही तरीके से देखरेख नहीं कर रहे थे।
बच्चे की मा ने आरोप लगाया कि भारतीय संस्कृति एवं परंपरा से अनजान स्वीडिश अधिकारियों ने कहा कि डोमिनिक की सही तरीके से देखभाल नहीं की गई है। गैर-सरकारी संगठन के मुताबिक, एनी ने भारतीय लोगों और सरकार से अपने बेटे को रिहा कराने की गुहार लगाई। एनी का कहना है कि एक बार अपने बेटे डोमिनिक को पा लेने के बाद वह हमेशा के लिए भारत आ जाएंगी।
पहले निर्मल कुमार भरोस के नाम से जानी जाने वाली एनी मूलत: पुणे की रहने वाली है। उसने 24 अप्रैल 2000 में क्रिस्टर जोहानसन से शादी की। शादी के बाद दोनों भारत में ही रहने लगे। साल 2001 में आए भूकंप में सब कुछ खोने के बाद जोहानसन परिवार ने स्वीडन वापस जाने का फैसला किया। उस वक्त एनी गर्भवती थी।
डोमिनिक 2001 में स्वीडन में ही पैदा हुआ था। इंडियाज स्माइल ने एनी की प्रार्थना को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के पास भेज दिया है। इसकी प्रति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री के साथ-साथ गृह मंत्री को भी भेजी गई है।
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