सितंबर 2020 तक NRC तैयार करेगी सरकार, प्रत्येक निवासी के लिए पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य
असम को छोड़कर देशभर में घर-घर जाकर गणना करने और सभी लोगों की जानकारियां एकत्र करने के लिए फील्ड वर्क एक अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक किया जाएगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को देशभर में लागू करने से पहले उसका आधार तैयार करने के लिए सितंबर, 2020 तक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) तैयार करने का फैसला किया है। भारत के प्रत्येक निवासी को NPR में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसका मकसद देश में रहने वाले हर सामान्य निवासी की पहचान का व्यापक डाटाबेस तैयार करना है। इस डाटाबेस में जनसांख्यिकी के साथ-साथ बायोमेट्रिक जानकारियां भी होंगी।
एक अधिकारी ने बताया कि NPR देश के सामान्य निवासियों की एक सूची होगी। एक बार जब NPR तैयार होकर प्रकाशित हो जाएगा तो संभावना है कि यह असम NRC के देशव्यापी संस्करण 'नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजंस' (NRIC) को तैयार करने का आधार बनेगा।
ये होंगे NPR में शामिल
NPR के लिए एक सामान्य निवासी उसे माना जाएगा जो उस स्थानीय इलाके में पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से रह रहा हो अथवा जो उस इलाके में छह महीने या इससे अधिक समय तक रहने का इरादा रखता हो।
घर-घर जाकर जुटाई जाएंगी जानकारियां
महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त विवेक जोशी की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, 'नागरिकता (नागरिकों के पंजीयन एवं राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करने संबंधी) नियमावली, 2003 के नियम तीन के उपनियम चार के तहत केंद्र सरकार ने जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने और उसे अपडेट करने का फैसला किया है।' साथ ही इसमें कहा गया है कि असम को छोड़कर देशभर में घर-घर जाकर गणना करने और सभी लोगों की जानकारियां एकत्र करने के लिए फील्ड वर्क एक अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर 2020 तक किया जाएगा। NPR को स्थानीय (ग्राम/कस्बा), अनुमंडल, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाएगा।
अभिभाषण में राष्ट्रपति ने किया था एलान
नई लोकसभा (17वीं) के गठन के बाद 20 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं का उल्लेख किए जाने के करीब महीनेभर बाद यह कदम उठाया गया है। कोविंद ने कहा था, 'मेरी सरकार ने घुसपैठ प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की प्रक्रिया को लागू करने का फैसला किया है।'
असम में प्रक्रिया जारी इसलिए शामिल नहीं
असम को इसमें शामिल नहीं किए जाने की वजह यह है कि वहां NRC की प्रक्रिया पहले से चल रही है। मालूम हो कि असम में पिछले साल 30 जुलाई को जब NRC का मसौदा प्रकाशित किया गया था तब 40.7 लाख लोगों को इससे बाहर किए जाने पर काफी विवाद हो गया था।
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