अब टोल संभालेंगी महिलाएं, काटेंगी पर्ची, वसूलेंगी टैक्स
इंदौर बाईपास के टोल प्लाजा पर पहली बार किया गया प्रयोग, महिला दिवस से आएंगी टोल बूथों पर नजर
इंदौर (अमित जलधारी)। बायपास के मांगलिया स्थित टोल प्लाजा पर आपको महिलाएं टोल टैक्स लेते हुए और बैरियर ऑपरेट करते हुए दिखें तो चौंकिएगा नहीं। महिला दिवस (8 मार्च) से इंदौर बायपास के टोल प्लाजा का संचालन पूरी तरह महिलाओं के हाथों में आ जाएगा।
वे वाहन आने पर बैरियर गिराएंगी, टोल टैक्स वसूलेंगी और फिर बैरियर खोलेंगी। बायपास टोल प्लाजा के 16 में से 14 बैरियर पर महिलाकर्मी तैनात की जा रही हैं। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य महिलाओं को बढ़ावा देने के साथ आए दिन होने वाले वाद-विवाद और मारपीट से निपटना भी है। इंदौर-देवास टोलवेज कंपनी के कर्ताधर्ताओं को उम्मीद है कि ऐसे लोग जो राजनीतिक या अन्य प्रभाव से टोल टैक्स नहीं देते, वे टैक्स देंगे और महिलाओं से विवाद करने से बचेंगे।
कंपनी ने 15 महिलाओं को टोलकर्मी के रूप में नियुक्ति दी है, जिनकी ट्रेनिंग चल रही है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से 14 टोल बूथों के संचालन का काम विधिवत रूप से उन्हें सौंप दिया जाएगा। शुरुआती कुछ दिन टोलकर्मी उनके साथ रहेंगे, जो किसी तरह की व्यावहारिक परेशानी आने पर उन्हें मार्गदर्शन देंगे।
कंपनी पदाधिकारियों का कहना है कि वे प्रायोगिक रूप से कुछ महिलाओं को वर्तमान में किसी न किसी बूथ पर बैठा रहे हैं। सोमवार-मंगलवार से यह प्रयोग लगातार किया जाएगा। जैसे-जैसे महिलाएं काम सीखती जाएंगी, उनकी ड्यूटी टोल बूथ पर लगाई जाएगी।
सुबह से शाम तक होगा समय, व्यवहार की ट्रेनिंग भी
टोल प्लाजा पर महिलाओं की नियुक्ति की पहल करने वाले इंदौर-देवास टोलवेज कंपनी के टीम लीडर अजय पांडे के मुताबिक महिला टोलकर्मियों का समय सुबह आठ से शाम चार बजे तक होगा। ऐसा इसलिए ताकि रात होने से पहले सभी महिलाएं अपने घर पहुंच जाएं।
शाम से अगले दिन सुबह तक पुरुष टोलकर्मी बूथ संभालेंगे। ट्रेनिंग में महिलाओं को टोल बूथ पर लगाए गए कम्प्यूटर का सिस्टम, कार्यप्रणाली के तौर-तरीकों के साथ आम जनता से व्यवहार संबंधी बातें सिखाई जा रही हैं।
पेट्रोल पंप और रेलवे स्टेशन का अनुसरण
टीम लीडर के मुताबिक कई पेट्रोल पंपों पर महिला अटेंडर की नियुक्तियां हुई हैं। देश के कुछ रेलवे स्टेशन ऐसे हैं जिनका संचालन पूरी तरह महिलाओं के हाथों में हैं। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की ओर से भी वैकल्पिक दिशानिर्देश दिए गए थे कि कंपनी चाहे तो महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए महिला टोलकर्मियों की नियुक्ति कर सकती है।
कुछ टोल प्लाजा पर इक्का-दुक्का महिलाकर्मी दिखती हैं लेकिन सारे टोल बूथ पर महिलाओं की तैनाती संभवत: प्रदेश में पहली बार हो रही है। बायपास टोल प्लाजा के 16 बूथों में से दो इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन वाले हैं इसलिए वहां किसी तरह के कर्मी की जरूरत नहीं है।
अवसर मानकर कर रहे हैं काम, परिवार ने भी बढ़ाया उत्साह
कंपनी के मुताबिक टोल बूथ पर काम करने वाली युवतियों और महिलाओं में मोनिका, सरिता श्रीवास, रीना माहिड़ा, बबीता शेख, वर्षा परमार, नेहा वर्मा, रूपाली राठौर, शबाना मंसूरी और नगीना समेत अन्य शामिल हैं।
'नईदुनिया" से चर्चा में देवास की रहने वाली नेहा ने माना कि टोल कलेक्शन का काम सभी के लिए चुनौती जैसा है लेकिन हम सभी ने इसे स्वीकार किया है क्योंकि लड़कियों को एक अवसर मिला है। अब तक जो ट्रेनिंग हुई है, उसे सीखकर बहुत अच्छा लगा है। बूथ पर महिला दिखेंगी तो लोग बदतमीजी नहीं करेंगे। परिवार वालों ने भी यह काम करने के लिए उत्साह बढ़ाया है। वैसे भी इंदौर-देवास के बीच पहले अपडाउन करती थी।
देवास के 15 किलोमीटर आगे रहने वाली बबीता का कहना है कि हमारे साथ परिवार के लोगों ने भी इस काम को चुनौती के रूप में लिया है। टोल प्लाजा पर सभी लोग काफी सहयोग करते हैं।